फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग में विद्यालय भवन निर्माण के नाम पर होने वाली धांधली ओर कमीशनखोरी की कहानियां वैसे तो आम हैं, परंतु विगत 26 जनवरी को गढ़िया प्राथमिक विद्यालय का छज्जा गिरने के हादसे में हुई एफआईआर में इस बार ग्राम प्रधान के साथ-साथ भवन प्रभारी प्रदीप सेंगर व जिला समंवयक निर्माण एसएन मिश्रा फंस गये हैं। पुलिस की विवेचना के बाद तैयार चार्जशीट में तीनों को धारा 288, 336, 337 व 338 का आरोपी बनाया गया है। इसी संबंध में गुरुवार को पुलिस ने घपले के आरोपी जिला समंवयक एसएन मिश्रा को मुचलके पर छोड दिया है। भवन प्रभारी व जिला समवयक के विरुद्ध मुकदमा चलाये जाने के लिये अनुमति मांगी गयी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पूर्व में इस गोरखधंधे में बीएसए व एबीएसए भी फंस रहे थे, परंतु बाद में कतिपय काराणों से दोनों बच गये बताये जा रहे हैं।
[bannergarden id=”8″] विदित है कि विगत 26 जनवरी को झण्डारोहण के समय विद्यालय के निर्माणाधीन नवीन भवन का छज्जा भरभराकर ढह गया था। जिसमें कई मासूम छात्र घायल हो गये थे। हादसे के बाद घटना स्थल पर पहुंचे जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के सामने ग्रामीणों के भीषण जनाक्रोष को देखते हुए आनन फानन में घटना की एफआईआर करा दी गयी थी। लगभग तीन माह तक चली तफ्तीश के बाद आखिर जांच ने विद्यालय भवन निर्माण के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग में चल रहे गोरख धन्धे की बखिया उधेड़ कर रख दी। हद तो यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी पुलिस की जांच को प्रभावित करने की नियत से विभागीय अभिलेख उपलब्ध कराने तक में आनाकानी करते रहे। जांच में भवन निर्माण प्रभारी प्रदीप सेंगर व ग्राम प्रधान वेदराम के अलावा प्रभारी जिला समन्वयक भवन निर्माण एस एन मिश्रा की गर्दन फंस ही गयी है।
गुरुवार को दलबल के साथ बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे थाना मऊदरवाजा के एसआई आरके सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखों के अनुसार संबंधित विभागीय इंजीनियर की रिपोर्ट के अुनसार लेंटर में सरिया से सरिया की दूरी 15 सेंटीमीटर निर्धारित थी, जबकि वास्तव में सरियां 25 सेंटीमीटर की दूरी पर डाली गयीं। इसके अलावा स्लैब की मोटाई 14 सेंटीमीटर के स्थान पर मात्र 7 सेंटीमीटर ही रखी गयी। भवन निर्माण में उपयोंग की सामग्री भी घटिया व अमानक प्रतीत होती है, जिसको जांच के लिये भेजा गया है, परंतु प्रयोगशाला से उसकी रिपोर्ट अभी नहीं आयी है। श्री सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये अभिलेखों में भवन निर्माण में अनियमितता, घपले और धांधली के पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं। इसी के आधार पर जार्चशीट तैयार कर प्रस्तुत कर दी गयी है। अभियोजन हेतु अनुमति की बाध्यता के चलते सक्षम अधिकारी से संपर्क किया जा रहा है। उन्होंने पुष्टि की गुरुवार को जिला समंवयक श्रीनिवास मिश्रा से मुचलका भरवा कर छोड़ दिया गया है।
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