नई दिल्ली. स्पॉट फिक्सिंग मामले में गिरफ्तार श्रीसंथ की चुप्पी तोडऩे के लिए स्पेशल सेल ने नए तरीकों का इस्तेमाल शुरू किया है। भावुक माने जाने वाले श्रीसंथ को सेल भावनाओं के जरिए ही तोडऩा चाहती है। इसलिए उन्हें अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला के साथ नहीं रखा गया है। सहूलियत के लिए बेड, तकिया मुहैया कराया गया है। श्रीसंथ से बातचीत के लिए मलयालम भाषा के जानकार असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को भी तैनात किया गया है।
सूत्रों के अनुसार गिरफ्तारी के बाद से ही श्रीसंथ ने लगभग खामोशी ओढ़ ली है। इस दौरान उसने न ही चंदीला एवं चव्हाण से और न ही किसी बुकी से बात की। इन खिलाडिय़ों के इर्द गिर्द तैनात किए गए स्पेशल सेल के अधिकारियों ने कई बार श्रीसंथ को रोते हुए देखा। वह एक ही बात कहता था कि उसने गलती की है लेकिन उसे जीजू जनार्दन ने फंसाया था। पूछताछ के दौरान भी श्रीसंथ सिर्फ हां या न में ही जवाब दिया। ऐसे में शक है कि श्रीसंथ लगातार उनसे कुछ बातें छिपा रहा है। अधिकारी स्पॉट फिक्सिंग की कहानी श्रीसंथ की जुबानी सुनने का प्रयास कर रहे हैं।
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सेल यह भी पता लगाने में जुटी है कि वह जीजू जनार्दन के अलावा अन्य कितने बुकीज के संपर्क में था। स्पॉट फिक्सिंग के एवज में मिले रुपए को उसने कहां और कैसे खर्च किया और शेष को कहां रखा है। श्रीसंथ से अभी यह भी जवाब मिलना बाकी है कि उसने इन तीनों मैचों के अतिरिक्त अन्य कितने मैचों में स्पॉट फिक्सिंग की है। इस तरह के कई अन्य सवालों के जवाब हासिल करने के लिए सेल के अधिकारी श्रीसंथ की खामोशी को किसी भी तरह तोडऩे का प्रयास कर रहे हैं।
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श्रीसंथ ने महज डेढ़ रोटी और पनीर की भुजिया खाकर अपनी रात गुजारी। गिरफ्तारी के बाद से श्रीसंथ ने भोजन करना बंद कर दिया है। स्पेशल सेल के अधिकारियों के दबाव में वह सिर्फ रात में ही खाना खाता है। जबकि वह दिन में सिर्फ कोल्ड ड्रिंक पीकर अपना गुजारा करता है। शनिवार रात को स्पेशल सेल ने श्रीसंथ को खाने में पनीर की भुजिया के साथ रोटियां दीं जिसमें से उसने महज डेढ़ रोटी खाकर थाली खिसका दी। देर रात तक वह कमरे के एक कोने में बैठकर रोता रहा। रविवार दोपहर श्रीसंथ ने स्पेशल सेल के अधिकारियों से एनर्जी ड्रिंक की फरमाइश की जिसे पूरा किया गया।