यूपी में 20 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती के लिए पहली बार सपा सरकार में कंप्यूटराइज्ड प्रक्रिया को वरीयता दी जा रही है| नये नियमों और नयी प्रक्रिया के साथ शुरू हो रही बीस हजार सिपाहियों की भर्ती इस बार पुलिस स्थापना एवं भर्ती बोर्ड के लिए आसान नहीं होगी। इससे पहले बसपा सरकार में भी पुलिस भर्ती में प्रयोग हुआ था मगर तब केवल आवेदको की सूची इस पर उपलब्ध करायी गयी थी| आवेदन पोस्ट ऑफिस के माध्यम से मांगे गए थे| मगर इस बार आवेदन भी ऑनलाइन और आफलाइन दोनों किये जाने की सम्भावना है| इससे जहां पुलिस स्थापना एवं भर्ती बोर्ड को विवादों की छाया से बचाने का दबाव रहेगा, वहीं हर बार लगने वाले पक्षपात आरोपों से बचने की मशक्कत भी करनी पड़ेगी।
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ज्ञात हो की कि आरक्षियों की यह भर्ती बसपा शासन काल में घोषित भर्ती के विज्ञापन को निरस्त कर की जा रही है| इस बार सरकार ने पुलिस भर्ती की नियमावली में कई बदलाव भी किए हैं। 15 जुलाई 2011 को जारी विज्ञापन में पदों की संख्या 39 हजार 425 थी, जबकि इस बार यह संख्या बीस हजार कर दी गई है। सामान्य वर्ग के पदों की संख्या तो सीधे दस हजार घटा दी गई है। इसी तरह अन्य वर्ग के पदों की संख्या भी कम की गई है।
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सपा सरकार आने के बाद भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा के नियमों में भी बदलाब किया गया है| इस बार पुरुष अभ्यर्थियों को एक घंटे में दस किमी के बजाए आधे घंटे में 4.8 किमी की ही दौड़ लगानी पड़ेगी। महिला अभ्यर्थियों के लिए 18 मिनट में 2.4 किमी दौड़ना जरुरी होगा। लिखित परीक्षा में पहले सामान्य ज्ञान के 50 अंक निर्धारित थे, वहीं अब सामान्य ज्ञान एवं सामयिक विषयों की परीक्षा 150 नंबर की होगी।
इस बार १० लाख अभ्यर्थी आवेदन कर सकते है| आवेदकों की संख्या इसलिए भी बढ़ जाएगी क्योंकि पिछली बार जारी विज्ञापन के लिए आवेदन करने वालों को उम्र में रियायत दी जा रही है। आरक्षियों की भर्ती के लिए 18 जुलाई से आवेदन प्रारंभ हो जाएगा।