FARRUKHABAD : आधुनिक पाश्चात्य सभ्यता के दौर में महिलायें व लड़कियां अब किसी से पीछे नहीं रह गयी हैं। वह जमाना कोई और था जब लड़किया अपने भाई, पिता अथवा पति पर निर्भर रहती थीं। लेकिन आज के दौर में महिलायें न सिर्फ आर्थिक मामलों में निर्णय लेने लगीं हैं अब तो शादी विवाह के मामलों में भी लड़कियां मां बाप के भरोसे नहीं रह गयीं हैं। आज उस समय महिला सशक्तीकरण साफ दिखायी दिया जब एक कन्या ने शादी की रश्म अदायगी के समय ही दूल्हे से शादी करने से इंकार कर दिया। थक हार कर पिता को दरबाजे से बारात वापस करनी पड़ी।
रोशनाबाद निवासी रामदास गंगवार के पुत्र राहुल गंगवार की शादी मंझना की पाली गंगवार के साथ तय हुई थी। सोमवार को नगर के एक विद्यालय मे पाली की धूमधाम से बारात आयी। द्वाराचार की रस्म अदा होने के बाद बारातियों ने भोजन किया। आधी रात के बाद अन्य रस्में पूरी हुईं। फिर भांवरों की बारी आयी। बताया गया है कि छ: भांवरें अच्छी तरह से पड़ गईं,लेकिन जैसे ही सातवीं यानी आखिरी भांवर का समय आया दूल्हे राजा को दौरा पड़ गया और वह बेहोश हो गया।
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एक घंटे बाद उसे होश आया, लेकिन इस बीच पाली ने बिछवा उतार कर फेंक दिये और शादी करने से मना कर दिया। यह देख बाराती और घराती सकते में पड़ गये। हालांकि दुल्हन को मनाने की काफी कोशिशें हुईं लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा। पाली अपने गांव के स्कूल में शिक्षामित्र है। उसकी शादी उसके बहिनोई नरसिंहपुर निवासी मनोज गंगवार की मध्यस्थता में तय हुई थी। शादी टूटने के बाद कन्या पक्ष ने जेवर एवं चढ़ावे का अन्य सामान रख लिया। उनका आरोप है कि वर पक्ष ने हमें धोखा दिया। उसने लड़के की बीमारी के बारे में हमें नहीं बताया। वर पक्ष का कहना था कि राहुल को कोई दौरा पडऩे की बीमारी नहीं है। यदि चाहें तो उसका सीटीस्केन करा दिया जाए। हो सकता है गर्मी के कारण उसे बेहोशी आ गई हो। जो भी हो कन्या पक्ष के लोग अब शादी करने के मूड में नहीं हैं। वह कह रहे हैं कि जो दहेज हमने दिया उसे वापस कर दें और अपना जेवर आदि ले लें।