मुझे बोस्टन धमाकों में भी फंसा सकता था अमेरिका: आजम खां

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Azam Khan2रामपुर। अमेरिका मुस्लिमों का सबसे बड़ा दुश्मन है। झूठ, मक्कारी और कत्लेआम कराना अमेरिका की फितरत में है। एयरपोर्ट पर अपमान क्या वो तो हमें बोस्टन धमाके में या किसी नई साजिश के आरोप में भी फंसा सकता था। इसके लिए उसे हमारी जेब में सिर्फ व्हाइट हाउस का नक्शा ही तो डालना पड़ता। यह कहना है अमेरिका से वापस आए यूपी के नगर विकास मंत्री आजम खां का।

रामपुर वापसी के बाद आजम खां सोमवार दोपहर मीडिया से रू-ब-रू हुए। इस दौरान उन्होंने जमकर अमेरिका विरोधी गुबार निकाला। कहा कि अमेरिका दुनियाभर के मुस्लिमों को बेइज्जत कर चुका है। बेइज्जत ही नहीं इराक व कई स्थानों पर मुस्लिमों का कत्लेआम करा चुका है। इराक, सऊदी अरब, लेबनान आदि में कब्जे किए हैं। इराक में हुए बड़े कत्लेआम में मारे गए मुस्लिमों की याद में हमें शहादत का दिन मनाना चाहिए।

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केंद्रीय विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से जुड़े सवाल पर आजम खां एक दिन पहले के बयान से कुछ बदले नजर आए। उहोंने कहा कि मैं नहीं जानता कि सलमान खुर्शीद की अमेरिका में क्या हैसियत है लेकिन इतना जानता हूं कि वह छोटी सोच के आदमी हैं। कुछ समय पहले रामपुर दौर पर आए तो कुछ लोगों से कहा कि आजम खां यूनिवर्सिटी क्यों बना रहे हैं, मुस्लिमों के लिए आइटीआइ खुलवाए। इससे लगता है कि वो मुस्लिमों को फिटर, मिस्त्री जैसी शिक्षा तक ही सीमित रखना चाहते हैं।

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यह बात मुस्लिम भी समझ चुके हैं, इसीलिए उनकी पत्‍‌नी लुईस खुर्शीद को मुस्लिम मतदाताओं ने चुनाव में नकार दिया। सरबजीत के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कुरान ध्यान से पढना चाहिए। इस्लाम के तौर-तरीकों को समझना चाहिए। ऐसा करने पर साफ हो जाएगा कि कैदियों व बंदियों के साथ कैसे बर्ताव किया जाता है। अमेरिका के बाद अफ्रीका यात्रा की तैयारी का मकसद पूछने पर भी आजम खां ने गोलमोल जवाब दिया।

उन्होंने कहा कि अफ्रीका से महात्मा गांधी ने भी बहुत कुछ सीखा। हम भी सीखने ही जा रहे हैं। पहले जाकर विकास व नई तकनीक की सीख लेकर आए थे, जिसका इस्तेमाल सूबे के नगरीय विकास में किया है। बता दें कि कल 29 मई की रात आजम खां दिल्ली से दक्षिण अफ्रीका की उड़ान भरेंगे। चार मई को वहां से स्वदेश वापसी का कार्यक्रम है।

बातचीत में कैबिनेट मंत्री आजम खां ने बताया कि यूपी से कॉमन वेल्थ डेलीगेशन 20 मई को कुछ देशों की यात्रा पर रवाना हो रहा है। अमेरिका के ताजा रुख को देखते हुए यह प्रतिनिधिमंडल अब अमेरिका नहीं जाएगा। अन्य देशों की यात्रा तक ही सीमित रहेगा। उन्होंने बताया कि इस डेलीगेशन में विधानसभा अध्यक्ष समेत राज्य सरकार के 20-22 प्रतिनिधि शामिल हैं।