लखनऊ: यूपी बोर्ड के 65 लाख परीक्षार्थियों के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का मैराथन दौर गुरुवार से शुरू हो रहा है। इतनी भारी मात्रा में परीक्षार्थियों के भविष्य का निर्धारण करने वाली इस प्रक्रिया के लिए यूपी बोर्ड ने दिशा निर्देश जारी किए हैं जिसमें कहा गया है कि अगर उत्तर पुस्तिका में कोई ऐसा उत्तर लिखा गया है जो सही हो लेकिन उसे काट दिया गया हो तो भी उसका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। बोर्ड ने यह निर्देश इस आशंका से जारी किया है कि यह हो सकता है कि कोई रंजिश के चलते परीक्षार्थी का उत्तर काट सकता है।
बोर्ड ने हाईस्कूल इंटरमीडिएट परीक्षा -2013 के मूल्यांकन कार्य के लिए उप प्रधान और सहायक परीक्षकों के लिए दिशा निर्देश पुस्तिका का वितरण किया जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों में 20 विशेष निर्देश हैं जिसमें उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए विषय विशेषज्ञों की तैनाती किए जाने का निर्देश दिया गया है। परीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही उत्तर पर पूरे अंक देना अनिवार्य है। परीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि अगर परीक्षार्थी ने प्रश्नों के उत्तर लिखने में क्रम संख्या का ध्यान नहीं दिया हो तो परीक्षक उत्तरों के क्रम को सही कर मूल्यांकन करें। परीक्षकों को नंबर काटने की प्रवृत्ति से बचने का निर्देश दिया गया है।
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ओएमआर शीट भरने के लिए विशेष सावधानी
इस बार इंटरमीडिएट में एवार्ड ब्लैंक के स्थान पर ऑप्टिकल मार्क रीडेबल (ओएमआर) शीट का प्रयोग किया जा रहा है। एक ओएमआर शीट में 30 अनुक्रमांक छपे होंगे। अनुक्रमांक के सामने के कॉलम में प्राप्तांक नीले या काले पेन से भरना है। इस ओएमआर शीट पर बारकोड भी मुद्रित किया गया है। मूल्यांकन कार्य नौ मई तक संपन्न कराने का लक्ष्य रखा गया है।
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चुनी जाएंगी 20 आदर्श उत्तर पुस्तिकाएं
मूल्यांकन के दौरान 20 उत्तर पुस्तिकाओं को आदर्श उत्तर पुस्तिका के रूप में चुना जाएगा। यह जिम्मेदारी उप प्रधान परीक्षक को सौंपी गई है। इस दौरान बरती जाने वाली सावधानी के बारे में जानकारी देने के साथ ही इंटरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाएं जांचने वाले परीक्षकों को ओएमआर शीट भरने के बारे में बताया जाएगा।