इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह माध्यमिक विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति की विसंगतियां दूर करे। कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा के प्रमुख सचिव से कहा है कि वे कठिनाई निवारण आदेश या नियमों में संशोधन करने की कार्यवाही करे ताकि प्रबंधकों को बोर्ड द्वारा चयन होने तक खाली पदों पर तदर्थ नियुक्ति कर छात्रों के शिक्षा की व्यवस्था करने का अधिकार मिल सके। इस मुद्दे पर बैठक बुलाकर ब्योरा 19 अप्रैल को मांगा गया है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति एपी साही ने प्रवीण कुमार शुक्ल की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि कानूनी अड़चनों के चलते माध्यमिक विद्यालयों में मौलिक रिक्त पदों को भरा नहीं जा रहा है। भर्तियों में कठिनाइयां हो रही हैं। रिक्तियों के लिए चयन बोर्ड में भेजने के बाद लंबे समय तक पद भरे नहीं जा रहे हैं जिससे छात्रों को नुकसान हो रहा है।
कोर्ट का कहना है कि चयन से पद भरे जाने तक प्रबंध समिति को तदर्थ या अंशकालिक नियुक्ति की छूट देना चाहिए। अभी प्रबंधकों को तदर्थ नियुक्ति का अधिकार नहीं है। अध्यापक की सेवानिवृत्ति के बाद प्रबंध समितियां किसी प्रकार की नियुक्ति नहीं कर पा रही हैं। चयन बोर्ड को अधियाचन भेजे जाने के बाद लंबे समय तक पद भरे नहीं जाते। ऐसे में छात्रों के पठन-पाठन में असुविधा होती है। सरकार को आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
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