बाढ़ का दंश झेल कर उभरा तो आग ने उजाड़ दिया घरौंदा

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aagशमसाबाद (फर्रुखाबाद): कहते हैं जब मुसीबत आती है तो चारो तरफ से आती है। इसी तरीके की मुसीबत शायद समैचीपुर निवासी अवरार अहमद पर देखने में आ रही है। अवरार अहमद पिछले वर्षों आयी गंगा की बाढ़ में अपना सब कुछ बहा चुका था जिसके बाद उसके पिता का भी देहांत हो गया। पिता के चालीसवें के दिन आज रविवार को उसके द्वारा रोड पर रखी गयी झोपड़ी में भी आग लग गयी। जिससे अवरार की करुण कहानी सुनने वालों की आंखों से भी अनायास ही आंसू आ जाते।

कहानी शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम समैचीपुर निवासी बाढ़ पीड़ित अवरार पुत्र इसरार की है। अवरार पिछले कई वर्षों से बाढ़ का दंश झेलता चला आ रहा था। धीरे धीरे उसके खेतों को गंगा ने अपने जद में ले लिया। इसके बाद पिछले वर्षों में उसके गांव समैचीपुर में स्थित मकान भी गंगा में समा गया। जिसके बाद अवरार अपने बच्चों व पिता इसरार के साथ ऊंचाई पर बनी सड़क पर झोपड़ी डालकर रहने लगा।

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झोपड़ी में उसने अभी घरौंदा बसा ही पाया था कि ईश्वर की ऐसी मार पड़ी कि उसके पिता इसरार भी चल बसे। पिता इसरार का रविवार को चालीसवां था। चालीसवें के अवसर पर खाना इत्यादि बनाया जा रहा था। इसी दौरान आग की चिंगारी उठी और अवरार की झोपड़ी पर गिर गयी। जिसने उसके घर को राख के ढेर में तब्दील कर दिया। अवरार ने डबडबाती आंखों से बताया कि उसके पांच हजार रुपये नगद व अन्य सभी गृहस्थी का सामान जलकर राख हो गया।