पुलिस की मिलीभगत से बालू का अवैध खनन जोरों पर

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शमसाबाद (फर्रुखाबाद): जनपद में अभी तक पर्यावरण सम्बंधी बैठक न हो पाने से कोई भी बालू खनन का ठेका नहीं हो सका है लेकिन पुलिस की मिलीभगत से बालू खनन माफिया धड़ल्ले से अपना कारोबार जमाये हुए हैं। जरूरतमंदों को महंगे रेटों में बालू उनके तयशुदा स्थानों पर रातों रात पहुंचाने में पुलिस का भी सहयोग प्राप्त रहता है। जिसमें माफिया व पुलिस जमकर जेबें गरम करने में जुटे हुए हैं।

बालू खनन का ठेका न होने से जहां एक तरफ आम जनता के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है वहीं पुलिस व बालू खनन माफियाओं के लिए दुधारू गाय बना हुआ है। जनपद में बालू खनन के धंधे में पुलिस व माफियाओं द्वारा प्रति दिन हजारों रुपये की वसूली की जा रही है। शमसाबाद क्षेत्र के ढाईघाट व बेला सराय गजा से थानाध्यक्ष की मिलीभगत के चलते धड़ल्ले से बालू खनन किया जा रहा है। रातों रात बालू भरी ट्रालियों की निकासी पुलिस के सहयोग से कर दी जाती है। जिसमें पुलिस तयशुदा रकम माफियाओं से वसूल रही है।

सूत्रों की मानें तो बालू खनन माफिया एक ट्रैक्टर ट्राली जरूरतमंद को 1500 से 2000 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं। क्षेत्र में चार बालू खनन माफिया इस समय सक्रिय बताये जा रहे हैं। इन माफियाओं के चार से पांच पांच ट्रैक्टर चलते हैं जो दिन में चार से पांच पांच तक चक्कर कर देते हैं। सूत्रों के अनुसार थाना पुलिस प्रति ट्रैक्टर 20 हजार रुपये इन बालू खनन माफियाओं से वसूल करती है। जिसके बाद उन्हें बालू खनन की खुली छूट दे दी जाती है। वहीं बाहरी ट्रैक्टरों में बालू लेने आने वालों को यही माफिया 300 रुपये की फर्जी रसीद देकर अवैध वसूली करते हैं। जिसमें वह पुलिस की भी पूरी जिम्मेदारी ले लेते हैं। इस समय जहां एक तरफ पुलिस व बालू खनन माफियाओं के लिए अवैध बालू खनन दुधारू गाय साबित हो रही है वहीं आम जनता की जेब पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है। पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर जनपद प्रशासन सबकुछ जानकर भी अनजान बना हुआ है।