फर्रुखाबाद: जमाना कितना भी बदल गया हो व सरकार कर्ज को लेकर कितनी भी जागरूक हो गयी हो लेकिन अभी भी ऐसे गरीब व कमजोर लोग हैं जिनका पीछा सूदखोर नहीं छोड़ रहा है। ऐसी ही एक घटना में सूदखोरों से पीड़ित दलित पल्लेदार ने फांसी का फंदा डालकर मौत को गले लगा लिया। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया।
शहर कोतवाली क्षेत्र के रामलीला गड्ढा निवासी 35 वर्षीय बहादुर पुत्र सुरेन्द्र जाटव पल्लेदारी का काम करता था। गुरुवार दोपहर बाद उसने घर की छत पर लगी टीन के बल्ले में अपनी पुत्री के दुपट्टे का फंदा गले में बांधकर फांसी लगा ली। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।
पल्लेदार बहादुर का विवाह पड़ोसी जनपद हरदोई के रूपापुर जूरा से रामसनेही की पुत्री रूपवती से हुआ था। शादी के बाद रूपवती ने पुत्री व एक पुत्र को जन्म दिया। कुछ समय बाद रूपवती टीवी से पीड़ित हो गयी। परिवार के खर्चे और पत्नी का इलाज कराने के चक्कर में बहादुर को पैसे की जरूरत पड़ी तो बहादुर ने आस पास के सूदखोरों से पैसा उधार ले लिया। लेकिन दो साल पूर्व बहादुर की पत्नी रूपवती की मौत हो गयी। जिसने बहादुर को बुरी तरह हिलाकर रख दिया। बहादुर की पुत्री 13 साल की हो गयी व पुत्र 9 साल का। पत्नी की मौत के बाद बहादुर के ससुराल वाले उसके पुत्र राजा को अपने यहां ले गये और पुत्री जूली बहादुर के साथ ही रह रही थी। पत्नी की मौत के गम में बहादुर शराब पीने का भी आदी हो गया था। उधर सूदखोर का शिकंजा भी अब कसने लगा था। आये दिन पैसे की वसूली को लेकर लोग उसके दरबाजे पर तगादा करने के लिए आने लगे थे।
गुरुवार की दोपहर बहादुर की पुत्री जूली ने खाना बनाया। बहादुर व उसकी पुत्री ने खाना खाया तभी पानी की आवश्यकता पड़ी तो जूली घर के बाहर पानी लेने चली गयी तभी बहादुर ने घर के दरबाजे को अंदर से बंद कर लिया और चारपाई पर चढ़कर छत की धन्नी में अपनी बेटी के दुपट्टे से फांसी लगा ली। तब तक जूली लौटकर वापस आयी तो गेट अंदर से बंद था। उसने पड़ोसी के घर से कूदकर अपने घर में जाकर देखा तो बहादुर का शव लटक रहा था। मामले की सूचना जूली ने पड़ोस में रह रही अपनी बुआ किरन को दी। तो घर में कोहराम मच गया। सूचना मिलने पर एस एस आई विग्गन सिंह पहुंचे और शव को नीचे उतरवाया।
इस सम्बंध में एस एस आई विग्गन सिंह ने बताया कि शव को उतार लिया गया है। परिजनों की तहरीर पर मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराया जायेगा।