आधा दर्जन जिला कांग्रेसियों ने फूंका केजरीवाल का पुतला फूंक दिखाया दम

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फर्रुखाबाद: कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की नजरों में अपने आपको वफादार साबित करने में लगे कांग्रेस कार्यकर्ता पुतला फूंककर उनके साथ अपने को खड़ा होना दर्शा रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। भीड़ जुटाने के नाम पर कांग्रेसी एक दूसरे का मुहं ताकते नजर आ रहे हैं। पहले तो बीते कई दिनों से चल रहे अरविंद केजरीवाल व सलमान के बीच के विवाद में जिला स्तरीय कांग्रेसी सड़कों पर नहीं आये। रविवार को जिला महिला कांग्रेस कमेटी ने पुतला फूंका भी तो भीड़ के नाम पर महज कुछ कांग्रेसी ही इकट्ठे हो पाये।

जिला स्तर पर संगठन में क्या मजबूती है इसकी चर्चा तो पहले से ही लोगों की जुबान पर चल रही है। कोई भी कांग्रेसी खुलकर विरोध करने की स्थिति में नहीं आ पा रहा है। इसी का नतीजा यह है कि भीड़ के नाम पर महज चंद लोग ही जुटते हैं। बीते दिन जेएनआई में प्रकाशित खबर केजरीवाल के विरोध में खुलकर नहीं आ रही जिला कांग्रेस  के बाद आखिर जिला कांग्रेस कमेटी के नेता हरकत में तो आये लेकिन भीड़ जुटाने के नाम पर मामला टांय टांय फिस हो गया। जिला महिला कांग्रेस कमेटी की जिलाध्यक्ष सीता मिश्रा ने मऊदरवाजा थाने के सामने केजरीवाल का पुतला फूंका लेकिन अगर हकीकत के पायेदान पर खड़े हों तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आपसी उठापटक मची हुई है। जिलाध्यक्ष आफताब हुसैन, कांग्रेस नेता कौशलेन्द्र सिंह लालू व प्रदीप राठौर ने पुतला फूंकने के कार्यक्रम में भाग तो लिया लेकिन समर्थन की स्थिति नजर नहीं आ रही है। सीता मिश्रा के साथ आयीं महज चंद महिलायें जिन्हें यह भी नहीं पता कि आखिर होना क्या है। पुतले में सरीक हुईं और वह भी एक कांग्रेस कार्यकर्ता के जबर्दस्ती करने पर फोटोशेशन को लेकर महिलाओं को इकट्ठा किया गया। बाकी देखने वालों की भीड़ तो लगनी ही थी। सो कैमरे को देखकर अन्य कई लोग भी इकट्ठे हो गये।

भीड़ बढ़ाने के लिए महिला कांग्रेसी ने जबर्दस्ती धकेला
जिला महिला कांग्रेस कमेटी की जिलाध्यक्ष सीता मिश्रा ने मऊदरवाजा थाने के सामने पुतले का कार्यक्रम रखा। तो आस पास की कुछ महिलाओं को न्यौता भी दिया गया। कुछ महिलायें पुतला फूंकने का कार्यक्रम देखने के लिए खड़ी हो गयीं। सीता मिश्रा ने जब भीड़ होते नहीं देखी तो एक महिला कांग्रेसी को इशारा किया। महिला कांग्रेसी ने पुतले का कार्यक्रम देख रहीं कुछ मुस्लिम महिलाओं को पुतला जलवाने के लिए जबर्दस्ती सड़क पर खड़े होने के लिए धकेल दिया। काफी प्रयास करने के बाद महज चंद महिलायें ही पुतले को फूंकने के लिए खड़ी हो सकीं।