तहसीलदार की तहरीर पर भी एफआईआर दर्ज नहीं

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जनसुविधा केन्द्र से फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले पर विधायक का हाथ
फर्रुखाबाद: मोहम्मदाबाद में जनसुविधा केन्द्र पर पकड़े गये फर्जी प्रमाणपत्र बनाने की मोहरें व प्रमाणपत्र बनाने के फार्मों को बरामद करने के बाद नायब तहसीलदार द्वारा कोतवाली में दी गयी तहरीर पर पुलिस फर्जीबाड़े को मानने के लिए तैयार नहीं है। जिसके पीछे समाजवादी पार्टी के विधायक का वरदहस्त माना जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एक विधायक वरदहस्त प्राप्त जनसुविधाकेन्द्र संचालक पर पुलिस हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार केन्द्र संचालक का कोतवाली मोहम्मदाबाद में अच्छा हस्तक्षेप है। लोग तो दलाली तक के आरोप लगा रहे हैं। जानकारी तो यह है कि मोहम्मदाबाद में यादव कम्प्यूटर्स के नाम से 8 जनसुविधा केन्द्र जारी किये गये। जिन पर अलग अलग मालिक दर्शाये गये। वहीं एक जन सुविधा केन्द्र पर मैनुअल प्रमाणपत्रों पर तहसीलदार की मोहर लगाकर फर्जी तरीके से प्रमाणपत्र जारी किये जाने लगे। जिसकी सूचना किसी तरह तहसीलदार सदर राजेन्द्र चौधरी को लग गयी। जिस पर उन्होंने बीते दिन छापा मार कर कई मोहरें, फाइलें व मैनुअल प्रमाणपत्र जारी करने के फार्म बरामद किये। जिसके बाद नायब तहसीलदार चूड़ामणि की तरफ से मोहम्मदाबाद में केन्द्र संचालक के विरुद्व रिपोर्ट दर्ज कराने को तहरीर दी गयी। लेकिन तहरीर के आधार पर अब तक रिपोर्ट दर्ज कर कार्यवाही नहीं की गयी। वहीं जानकारी यह भी मिली है कि केन्द्र संचालक को बचाने में समाजवादी पार्टी के ही विधायक का वर्दहस्त है। इतना ही नहीं लोगों का कहना है कि केन्द्र संचालक थाने में पुलिस दलाली का भी काम करता है। जिससे पुलिस केन्द्र प्रभारी को बचाने में जुटी हुई है।
प्रभारी निरीक्षक मोहम्मदाबाद ने बताया कि नायब तहसीलदार चूड़ामणि की ओर से दी गयी तहरीर के साथ केवल कुछ फोटो स्टेट प्रमाणपत्र ही लगाये गये हैं। जिनके आधार पर कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।