बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती इस बार नए फार्मूले पर की जाएगी। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक के अंक प्रतिशत को अधिक वेटेज दिया जाएगा, पर बीएड के परसेंटेज को अधिक वेटेज नहीं मिलेगा।
बेसिक शिक्षा विभाग ने नया फार्मूला हाईकोर्ट में भी प्रस्तुत कर दिया है और कहा है कि शिक्षकों की भर्ती इस बार इस नए फार्मूले के आधार पर ही की जाएगी। अभी तक शिक्षकों की भर्ती के लिए हाईस्कूल, इंटर, स्नातक और बीएड में मिले प्राप्तांकों को जोड़कर सीधे मेरिट बनाकर की जाती रही है।
यूपी में इस बार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए टीईटी पास होने वाला ही पात्र माना गया है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने यूपी में 31 मार्च 2014 तक शिक्षकों की भर्ती की अनुमति दे दी है। यूपी में इस बार नए फार्मूले के तहत शिक्षकों की भर्ती के लिए मेरिट बनाई जाएगी। इसके अनुसार हाईस्कूल के कुल प्रतिशत का 10%, इंटर के कुल प्रतिशत का 20% व स्नातक के प्राप्तांको का 40% जोड़ा जायेगा। बीएड में प्रथम श्रेणी या उससे ऊपर पर थ्यौरी व प्रैक्टिकल का 12-12 अंक, द्वितीय श्रेणी या इससे ऊपर होने पर 6-6 और तृतीय श्रेणी या उससे ऊपर पर 3-3 अंक जोड़ा जाएगा।
उदाहरण के लिए यदि हाईस्कूल में किसी अभ्यर्थी को 60 प्रतिशत नंबर मिले हैं तो मेरिट में इसका 10वां हिस्सा 6 अंक या 70 प्रतिशत नंबर मिले हैं, तो इसका 10वां हिस्सा 7 अंक जोड़ा जाएगा। इसी तरह इंटर में 60 प्रतिशत नंबर मिले हैं, तो 20 प्रतिशत के हिसाब से 12 अंक और स्नातक में 60 फीसदी नवंबर मिले हैं तो 40 प्रतिशत से गुणा करके 24 अंक दिया देते हुए मेरिट निर्धारित की जाएगी। बीएड का केवल प्रथम श्रेणी होने पर 12 अंक, द्वितीय श्रेणी होन पर 6 और तृतीय श्रेणी होने पर 3 अंक ही जोड़े जाएंगे।
यूपी में इसके पहले सीधे-सीधे प्रतिशत को जोड़कर मेरिट का निर्धारण किया जाता था। इसके चलते पूर्वांचल या फिर पश्चिमी यूपी के काफी संख्या में अभ्यर्थी नौकरी पाने में सफल हो जाते थे, क्योंकि पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी के विश्वविद्यालय बीएड में थ्यौरी और प्रैक्टिल में अधिक नंबर देते हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय और अवध विश्वविद्यालय से बीएड करने वालों को अधिक अंक नहीं मिलते हैं। इसलिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है, ताकि हाईस्कूल, इंटर और स्नातक में अच्छे अंक पाने वालों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी मिल सके।