पति मारकर सती हुई “ऊषा” प्रेमी के साथ पानीपत में मिली

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कायमगंज (फर्रुखाबाद) : पति मारकर सती होने की कहावत तो आपने सुनी होगी परन्तु कायमगंज के ग्राम दत्तू नगला की ऊषा तो इससे भी दो हाथ आगे निकल गयी। पति की जहरीला पदार्थ खिलाकर हत्या करने के बाद गायब हुई ऊषा को पुलिस ने उसके प्रेमी के साथ पानीपथ में धर दबोचा। मजे की बात है कि इस दौरान ऊषा के पिता ने रजवहे में मिली एक लावारिश लाश की पहचान अपनी बेटी के तौर पर कर ऊषा के ससुरालीजनों के विरुद्व हत्या का मुकदमा भी कायम करा रखा है।

कुछ माह पूर्व एक रजवाहे में मिली महिला की लाश की शिनाख्त उसके पिता ने अपनी पुत्री के रूप में की थी। इस सम्बन्ध में पिता ने पुत्री के देवर, जेठ और सास के विरूद्ध हत्या का मामला पंजीकृत कराया था। लेकिन पुलिस के अनुसार रविवार को पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिला कि मृतक महिला जमीन को बेचने के लिए आयी हुयी थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर महिला व उसके कथित पति व उसकी दोनों बेटियों को पकड़ लिया और कोतवाली ले आयी। वहीं सूत्रों की माने तो महिला व उसके प्रेमी को पुलिस पानीपत से ऊषा के ससुरालीजनों की निशानदेही पर बरामद करके लायी है। पुलिस ने अपनी सुविधा के अनुसार महिला को कायमगंज से ही बरामद कर लिया।

पुलिस की मानें तो 9 सितम्बर को कोतवाली पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि दत्तूनगला की ऊषा व उसकी लड़कियां मनीषा और कोमल एक आदमी के साथ कैसर खां के अड्डे पर पाकड के पेंड़ के नीचे बैठे है। ऊषा अपनी जमीन को बेचने की फिराक में एक आदमी के इंतजार में बैठी हुयी है। मुखबिर की सूचना पर कोतवाली पुलिस तुरन्त हरकत में आयी और एसएसआई राजेन्द्र सिंह अपने हमराह सिपाही अनिल यादव, अवधेश यादव, सुनील यादव, महिला कांस्टेबिल नीरू यादव अबिलम्ब मौके पर पहुंचे। जहां से उन्होने ऊषा व मनीषा कोमल व साथ में मौजूद एक व्यक्ति को धर दबोचा। कोतवाली में पहुंचकर जब एसएसआई राजेन्द्र सिंह ने कड़ी पूंछतांछ की तो मामले की सत्यता कुछ और ही नजर आयी। ज्ञातव्य हो कि कुछ माह पूर्व झब्बूपुर के रजवाहे में एक महिला की लाश बरामद की गयी थी। जिसकी शिनाख्त ऊषा के रूप में की गयी थी। ऊषा के पिता मिश्रीलाल ने अपनी पुत्री की हत्या के सम्बन्ध में ऊषा के जेठ, देवर व सास के विरूद्ध मामला पंजीकृत कराया था। लेकिन रविवार को ऊषा को जब पुलिस ने पकड़ा तो वह अचम्भित रह गयी। ऊषा ने पुलिस को बताया कि साथ में मौजूद व्यक्ति उसका पति है। कथित पति का नाम उसने सुरेन्द्र सिंह पुत्र उम्मेद सिंह निवासी महलाना, थाना सदर सोनीपत जिला सोनीपत हरियाणा बताया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस ऊषा से विस्तृत पूंछतांछ कर रही थी।

वहीं ऊषा अपने पूर्व पति राकेश निवासी दत्तू नगला के मामले में हत्याभियुक्त है। इस सम्बन्ध में जनपद बदायूं में मामला पंजीकृत है।  पुलिस पूंछतांछ में ऊषा ने बताया कि वह चार माह के गर्भ से हैै। ऊषा ने बताया कि साथ में मौजूद कथित पति सुरेन्द्र सिंह से मोबाइल फोन से सम्पर्क हुआ और बातचीत होने लगी। यह बातचीत धीरे धीरे प्रेम में बदल गया और एक दिन दोनों ने मिलकर मथुरा के एक मन्दिर में शादी रचा ली। ऊषा ने बताया कि करीब 15 बर्ष पहले गांव इमादपुर, थाना भोगांव जनपद मैनपुरी निवासी ओमकार के साथ ऊषा शादी हुयी थी। और इसके एक बर्ष के बाद उसके एक पुत्री मनीषा पैदा हुयी। जब मनीषा पांच बर्ष की थी तो पति ओमकार को किसी ने शराब में कुछ खिला दिया। जिससे उसकी मौत हो गयी। मेरी जमीन मेरे चचिया ससुर ने ले ली। इसके बाद मै अपने पिता मिश्रीलाल निवासी गांव आकूतगंज, थाना मिर्जापुर के पास पहुंच गयी।

कुछ माह पूर्व मिली महिला की लाश की शिनाख्त मिश्रीलाल ने अपनी पुत्री ऊषा के रूप में की थी और उसके ससुरालीजनों के विरूद्ध मामला दर्ज कराया था। आखिर एक पिता ने अपनी पुत्री के शव को पहचानने में कैसे भूल कर दी। कहीं ऐसा तो नहीं कि मिश्रीलाल ने कोई सोची समझी चाल चलते हुए अपनी पुत्री को मृत साबित करके अपना कोई बहुत बडा मन्तव्य हासिल करने की कोशिश की हो।