छात्र संघ चुनाव में खुलेआम लिंगदोह समिति की धज्जियां उड़ाई जा रही है। कॉलेज इन दिनों छात्र संघ चुनाव के चलते पोस्टरों से पट गये हैं। जहां छात्र संघ चुनाव घोषित होने से पहले ही विद्यार्थी परिषद् विभिन्न महाविद्यालयों में उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुटी रही, वहीं कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसय़ूआई की गतिविधियाँ पूरी तरह ठ़प हैं। सपा के युवा संगठन छात्र संघ चुनाव के बारे में अपना नजरिया प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं
बसपा शासन में छात्र संघ चुनाव पर लगी रोक को सपा समाप्त कर दिया था। इससे छात्र और युवा सपा से जुड़े भी थे। छात्र संघ चुनाव की राजनीति फिर उबाल पर है। छात्र नेता चुनाव के लिए माहौल बना रहे हैं। जिला प्रशासन और कालेज प्रशासन ने चुनाव की तिथियां घोषित कर दी हैं। बद्री विशाल डिग्री कालेज में कई सालों से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। छात्र संघ चुनाव को लेकर पूरा शहर पोस्टरों से पटा पड़ा है। 2014 के लोक सभा चुनाव के कारण राजनीतिक दल भी छात्र संघ चुनाव में रूचि ले रहे हैं। लिंगदोह समिति की सिफारिशों के आधार पर छात्रसंघ चुनाव कराने और उनके निर्देशों के बावजूद अधिकारी अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। लिंगदोह समिति की सिफारिशों के आधार पर छात्रसंघ चुनाव कराने के मुख्यमंत्री के निर्देश बेपरवाह जिम्मेदार अधिकारियों के सामने बौने साबित हो रहे हैं। कालेजों में इन दिनों लिंगदोह समिति की इन सिफारिशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। अभी नामांकन भी नहीं हुआ है और छात्र नेता हजारों रुपये खर्च कर चुके हैं लिंगदोह समिति की सिफारिशें कालेज प्रशासन में मजाक का पात्र बनकर रह गईं है। छात्रसंघ चुनाव के दौरान कालेजों में नियम कानून की धज्जियां उड़ाने की खबरें आम हैं इसके बाद भी कालेज प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने 21 मार्च 2012 को लिंगदोह समिति की सिफारिशों के आधार पर छात्रसंघ चुनाव कराने के निर्देश दिए थे, बावजूद इसके प्रशासन के ढीले-ढाले रवैये के चलते छात्र नेता भारी पड़ते दिख रहे हैं यही कारण है कि हर चौराहे और हर कॉलेज के पास बैनर व पोस्टर की भरमार है। अभी तक किसी भी चौराहे से होर्डिग नहीं हटाए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी विद्यालय प्रशासन और नगर पालिका एक दूसरे पर कार्रवाई की जिम्मेदारी डाल रहे हैं। इस मामले में अधिकारियों से बात करने पर अधिकारी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। गुरुवार को फिर मुख्यमंत्री ने लिंगदोह समिति की सिफारिशों को सख्ती से लागू कर छात्रसंघ चुनाव कराए जाने के साथ ही बैनर एवं होर्डिंग तत्काल हटाए जाने का निर्देश दिया था लेकिन उनके इस फरमान के बाद भी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि कानून व्यवस्था को लेकर अखिलेश सरकार को कई बार अदालत द्वारा फटकार भी लगायी जा चुकी है सपा कार्यकर्ता भी प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव के फरमानों को धता बताते हुए स्वयं भी सरकार के लिए कई बार मुसीबतें खड़ी कर चुके हैं अखिलेश की बात न सुने जाने की वजह से ही सपा प्रमुख मुलायम सिंह भी कई बार कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ा चुके हैं।
क्या हैं लिंगदोह समिति के अनुसार नियम
– चुनाव के लिए कालेज में पोस्टर लगाने की सख्म मनाही है
– चुनाव में छात्र हाथ से लिखे पोस्टर और बैनरों का प्रयोग कर सकते हैं
– चुनाव में छात्र संगठन यानी उम्मीदवार केवल पांच हजार रुपये खर्च कर सकते हैं
-यदि किसी प्रत्याशी द्वारा किसी शर्त का उल्लंघन किया जाता है तो उसका चुनाव निरस्त किया जा सकता है
छात्र संघ चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के पूर्व से ही सक्रिय विद्यार्थी परिषद् के प्रांतीय नेता अभिषेक त्रिवेदी ने बताया कि डीएन कालेज में अध्यक्ष पद के लिए नीरज पाल और महामंत्री पद के लिए विट्ठल नाथ द्विवेदी के नाम फाइनल कर दिए गए हैं। बद्री विशाल कालेज में अरुण कुमार दुबे और प्रलय प्रताप सिंह ने विद्यार्थी परिषद् का समर्थन माँगा है। दोनों अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं। भारतीय महाविद्यालय में अभिषेक बाथम ने अध्यक्ष पद के लिए समर्थन माँगा है। महामंत्री पद की उम्मीदवार मीरा कुशवाहा ने समर्थन माँगा है। 2008 में हुए छात्र संघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद् के समर्थन से भारतीय महाविद्यालय में अमित पाठक और डी एन कालेज में राजीव वर्मा अध्यक्ष चुने गए थे। श्री त्रिवेदी ने बताया कि समर्थन मांगने वाले छात्र नेता से 10 रुपये के स्टाम्प पर शपथ पत्र माँगा जाता है। जिसमे लिखवा लिया जाता है कि परिषद् के नियमों के विरुद्ध जाने पर समर्थन वापस लिया जा सकता है । चुन लिए जाने पर सदस्यता समाप्त की जा सकती है। समर्थन चाहने वाले छात्र नेताओं को लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अंतर्गत चुनाव लड़ना होगा।
वहीं केंद्र में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस की एनएसयूआई की कभी बैठकें होने के बारे में भी नहीं सुना गया। युवक कांग्रेस के नेता शुभम तिवारी ने बताया कि अर्जुन राजपूत एनएसय़ूआई के जिलाध्यक्ष हैं। किसी कांग्रेस या युवक कांग्रेस नेता को यह जानकारी नहीं है कि एनएसय़ूआई छात्र संघ चुनाव में क्या रोल अदा करेगी। लम्बे समय से छात्र संघ चुनाव में एन एस य़ू आई की गतिविधियाँ शून्य रहती हैं। दो साल पहले एन एस य़ू आई के चुनाव वोटिंग पद्धति से कराये गए थे। इसमें ही अर्जुन राजपूत अध्यक्ष चुने गए थे। पर अध्यक्ष चुने जाने के बाद वह कहीं सक्रिय नहीं दिखे।
प्रदेश सरकार में सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी की छात्र सभा का अभी गठन तक नहीं हुआ है। इसके जिलाध्यक्ष के तौर पर विगत सप्ताह ही दीपक यादव को मनोनीत किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यकारिणी अनुमोदन के लिये प्रदेश संगठन को भेजी गयी है। दो-चार दिन में कार्यकारिणी घोषित कर दी जायेगी। इसके बावजूद दीपक यादव का दावा है वि वह सभी जगह अपने प्रत्याशी लड़ायेंगे।