आरोपियों की तलाश में दबिश देने गयी पुलिस मीडिया को देखकर एवाउट टर्न

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फर्रुखाबाद: पुलिस पर इस समय संकट के बादल गहरा रहे हैं प्रतिदिन लूट, चोरी और हत्या की बारदातों पर लगाम लगाने में नाकाम पुलिस मीडिया को जबाव देने से कतरा रही है। पुलिस अधीक्षक तो मीडिया से बात करना तक पसंद नहीं करते। न ही उन्हें मीडिया की मौजूदगी फूटी आंखों भा रही है। अपराधियों या आम जनता के भीतर पुलिस का खौफ कितना है इसकी पोल बीती रात कमालगंज थानाध्यक्ष सुनील तिवारी की पिटायी के बाद सामने आ गयी। घटना स्थल पर पहुंचे एसपी फोर्स के साथ जब ग्रामीणों पर पूछताछ के लिए दबाव बना रहे थे। उसी दौरान मीडियाकर्मी भी रात के अंधेरे में याकूतगंज से तकरीबन आठ किलोमीटर अंदर ग्राम नसरतपुर पहुंच गये। मीडिया को देखकर पुलिस अधीक्षक आग बबूला हो गये और बोले यह कोई बात नहीं हुई, आप लोगों को यहां नहीं आना चाहिए। इतना कहते ही उन्होंने फोर्स को आदेश दिया कि सभी लोग मीडिया की तरफ पीठ घुमाकर खड़े हो जाओ। आदेश मिलते ही पुलिसकर्मी मीडिया की तरफ पीठ दिखाकर खड़े हो गये। कम से कम जबाब न देने का यह अनूठा तरीका पुलिस अधीक्षक का समझ में नहीं आया।

कमालगंज थानाध्यक्ष सुनील तिवारी, दरोगा राजकिशोर अवस्थी व सिपाही श्रीकृष्ण के साथ मारपीट हो जाने के बाद जहां पुलिस प्रशासन की बेइज्जती ठीकठाक हो गयी। अपनी हनक को बचाने के लिए पुलिस प्रशासन मीडियाकर्मियों से बचता नजर आया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी, अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह के अलावा अन्य पुलिस के अधिकारियों ने कमालगंज को छावनी में तब्दील सा कर दिया था। लेकिन इस सम्बंध में बोलने के लिए कोई भी तैयार नहीं था। थाने में बैठे मुंशी व दरोगा यह तक न बता सके कि आखिर थानाध्यक्ष किस लड़की और किस व्यक्ति के साथ दबिश पर गये थे। मारपीट के बाद घायल थानाध्यक्ष सुनील तिवारी कमालगंज के स्वास्थ्यकेन्द्र में भर्ती किये गये तो वहीं खाकी की बेइज्जती होने से बौखालाया पुलिस प्रशासन रात भर आरोपियों की तलाश में दबिशें देता रहा। लेकिन कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी। जानकारी लेने टाडा बहरामपुर के कुछ दूर स्थित ग्राम नसरतपुर में पहुंचे पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी, सीओ सिटी विनोद कुमार सिंह तकरीबन दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों को लेकर टाडा बहरामपुर के महेश जाटव की रिश्तेदारी खंगालने में जुटी रही। जहां उन्होंने तकरीबन 20 मिनट तक नसरतपुर के प्रधान नफीश खां व रामशरन जाटव व उसके पुत्र से पूछताछ की। पुलिस फोर्स में तैनात किसी दलित सिपाही की रिश्तेदारी के माध्यम से पुलिस नसरतपुर पहुंची।

पुलिस जैसे ही नसरतपुर पहुंची, पीछे से आधा दर्जन से अधिक मीडियाकर्मी रात तकरीबन 11 बजे नसरतपुर पहुंचे। मीडिया कर्मियों को देखते ही पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी घटना के बारे में जानकारी देने के बजाय उल्टा अपनी हनक दिखाते हुए फोर्स से बोले कि सब लोग मीडिया की तरफ पीठ कर लो कोई कुछ नहीं बोलेगा। एसपी के आदेश पर मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी मीडिया की तरफ पीठ करके खड़े हो गये। पुलिस अधीक्षक कैमरे के सामने किसी भी कीमत पर आने को तैयार नहीं हुए और तत्काल फोर्स लेकर वहां से वापस लौट आये।

विदित हो कि शहर में इस समय पुलिस पर खासा दबाव बना हुआ है। रोशनाबाद की आर्यावर्त ग्रामीण बैंक लूट, इससे पूर्व शुकरुल्लापुर की बैंक लूट, कमालगंज के सर्राफा व्यापारी सोनू तिवारी से लाखों की लूट पुलिस खोल नहीं पा रही और ऊपर से खाकी की पिटायी। जिसका जबाव शायद पुलिस विभाग के पास नहीं है। तभी उन्होंने मीडिया को देखकर पीठ दिखाना ही उचित समझा।