गरीब की निरक्षरता के साथ भी घटिया मजाक, नकल के लिए बैठाये ग्रेजुएट

Uncategorized

फर्रुखाबाद: साक्षर भारत मिशन के तहत आज जनपद के 512 ग्राम सभाओं में निरक्षरों का चयन किये बिना ही उनकी परीक्षा करा दी गयी। इन निरक्षरों की पढ़ाई तो दूर प्रेरकों तक का चयन नहीं किया गया। परीक्षा की नौबत आयी तो शासन को धोखा देने के लिए फर्जी परीक्षायें आयोजित कर खानापूरी कर ली गयी। कहीं-कहीं तो नकल के लिए ग्रेजुएट तक ढूंढ कर बैठा दिये गये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की बात तो दूर नगर क्षेत्र की सीमा से सटे अनेक विद्यालयों की परीक्षा हुई ही नहीं।

साक्षर भारत मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के निरक्षर व ड्रापआउट अभ्यर्थियों की पहचान कर उनको साक्षर बनाये जाने की योजना थी। इसके अन्तर्गत प्रेरकों के माध्यम से इन चिन्हिंत निरक्षरों को साक्षर किया जाना था। परन्तु योजना के दौरान प्रेरकों की नियुक्ति तो दूर निरक्षर व ड्रापआउट अभ्यर्थियों तक को चिन्हिंत नहीं किया गया। शासन की ओर से अचानक इन निरक्षर, ड्रापआउट अभ्यर्थियों की परीक्षा का कार्यक्रम आया तो बेसिक शिक्षा विभाग में एक और फर्जीबाड़े का कारनामा अंजाम दे डाला। योजना के अन्तर्गत आज 26 अगस्त को प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक प्रत्येक गांव में साक्षरता परीक्षा का आयोजन किया जाना था। परीक्षा से मात्र एक दिन पूर्व अध्यापकों को इन निरक्षरों के पंजीकरण फार्म के साथ ही परीक्षा प्रश्नपत्र वितरित कर परीक्षा कराने के निर्देश जारी कर दिये। जाहिर है इन परिस्थितियों में इस परीक्षा का जो मखौल बन सकता था, वह बना।  जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और दुर्गम ग्रामों को यदि छोड़ भी दे ंतो भी नगर क्षेत्र की सीमा से सटे अनेक ग्रामों में परीक्षा का उपक्रम तक नहीं हुआ। ग्राम पपियापुर में तो जो परीक्षा करायी गयी उसमें निरक्षरों को नकल कराने के लिए स्नातक तक ढूंढकर बैठाये गये, जिनको निरीक्षण के दौरान डायट प्राचार्या सुमित्रा गर्ग व जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता सुनील आर्या ने पकड़ा। नगर क्षेत्र की सीमा से सटे ग्राम अमेठी जदीद में परीक्षा ही नहीं हुई। परीक्षा जहां हुई भी वहां के अध्यापक उत्तर पुस्तिकोंओं को जमा करने के लिए भटकते रहे। वहीं कुछ विद्यालयों में जैसे तैसे परीक्षा का आयोजन किया गया। कन्या प्राथमिक विद्यालय बुढ़नामऊ में 25 निरक्षरों/ड्राप आउट ने परीक्षा दी।

डायट प्राचार्या सुमित्रा गर्ग ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय पपियापुर में निरक्षरों के साथ साक्षरता परीक्षा देते कुछ स्नातक अभ्यर्थी भी पाये गये। इस सम्बंध में प्रधानाध्यापिका लक्ष्मी वर्मा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उनको जानकारी ही नहीं थी कि परीक्षा में केवल निरक्षर ही बैठ सकते हैं।