रामकृष्ण यादव ऐसे बने योग गुरु बाबा रामदेव, कर दिया कांग्रेस की नाक में दम

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केंद्र सरकार के विरोध में अनशन कर रहे बाबा रामदेव को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है| आज देश में चारो ओर गलियों मोहल्लों से लेकर वातानुकूलित कमरों में सिर्फ बाबा रामदेव के नाम की ही चर्चा हो रही है| हममें से कई ऐसा भी हैं जिनको यह नहीं पता कि बाबा कहाँ से आये और उनका प्रारंभिक जीवन कैसा रहा| इसीलिए हम आज आपको बाबा रामदेव से जुडी हर एक छोटी से बड़ी जानकारी दे रहे हैं|

रामदेव पर एक विशेष रिपोर्ट :-

विश्व में योग की अलख जगाने वाले और कांग्रेस की नाक में दम करने वाले बाबा रामदेव का जन्म हरियाणा के महेन्द्रगढ़ जिले के अली सैयद्पुर इलाके में 11 जनवरी, 1971 हुआ| बाबा रामदेव का असली नाम रामकृष्ण यादव है| बालक रामकृष्ण बचपन से ही क्रन्तिकारी ‘नेता जी’ सुभाषचन्द्र बोस से प्रभावित था। आठवीं तक पढाई करने के बाद बालक रामकृष्ण ने एक गुरुकुल में आचार्य प्रद्युम्न और योगगुरु बल्देव से योग की शिक्षा दीक्षा ग्रहण की। यहीं रामकृष्ण का नामकरण हुआ बाबा रामदेव|

रामकृष्ण से बाबा रामदेव बने इस सन्यासी ने वर्ष 1995 में योग को आम आदमी तक पहुँचाने का बीड़ा उठाया| कालांतर में कालवा गुरुकुल, जींद जाकर बाबा रामदेव ने नि:शुल्क योग शिक्षा देना प्रारंभ किया। रामदेव कुछ दिन हिमालय पर भी रहे हैं। बाबा के करीबियों के अनुसार हिमालय से लौटने के बाद बाबा कृपालु बाग आश्रम में रहने लगे, यहीं से बाबा की किस्मत ने पलटा खाया और धार्मिक चैनल आस्था में योग सिखाने का काम मिला। टीवी पर आने के बाद तो बाबा देश के घर-घर में लोकप्रिय हो गए| वर्ष 1996 में बाबा ने दिव्य योग मन्दिर ट्रस्ट और दिव्य फार्मेसी स्थापित की, इसके बाद बाबा ने कभी पीछे मुद कर नहीं देखा, बाबा के योग शिविरों में नेता अभिनेता सभी एक साथ नज़र आते थे, कभी निशुल्क योग का ज्ञान देने वाले बाबा अब बड़ी फ़ीस लेने लगे|

बाबा के सहयोगी रहे लोगों के मुताबिक, एक वो समय था जब रामदेव हरिद्वार में साइकिल से चलते थे, कभी-कभी तो उनके पास पंचर बनवाने के भी पैसे नहीं होते थे वही बाबा आज प्राइवेट जेट रखते है। दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के पास आज अरबों की संपत्ति है। आश्रमों की गिनती इतनी है कि आप उँगलियों पर नहीं गिन सकते। इनमें से हरिद्वार वाला आश्रम, हरियाणा वाला आश्रम और स्कॉटलैंड का अस्राम सबसे बड़े हैं|

बाबा रामदेव और विवादों का साथ :-

योग गुरु बाबा रामदेव कभी नेताओं के पूज्य थे लेकिन जैसे ही उन्होंने काले धन और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया यही नेता उनसे दूर हो गए एक दो राजनैतिक दलों को छोड़ कर बाबा आज सभी दलों के निशाने पर हैं| नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार विरोधी होने का दावा करने वाले बाबा रामदेव पहले अपनी प्रॉपर्टी का हिसाब दें। बाबा रामदेव इस पर उत्तर देते हैं, ”उनके ट्रस्ट के पास 1115 करोड़ की चल अचल सम्पदा है, उनका निजी कुछ भी नहीं। मार्च 2005 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के 113 कर्मचारियों ने मजदूरी नहीं देने को लेकर आंदोलन किया था। वर्ष 2006 में दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट पर यह आरोप लगा था कि वे अपनी दवाइयों में मानव और जानवरों की हड्डी का प्रयोग करते हैं।

विदेश में संपत्ति :-

वर्ष 2009 में बाबा रामदेव ने स्कॉटलैंड में तक़रीबन 14.7 करोड़ रुपये का समुद्री द्वीप खरीदा था। इस के बारे में रामदेव ने सफाई देते हुए कहा कि संपत्ति बनाने के लिए नहीं ख़रीदा बल्कि भारतीय मूल्यों को विश्व में पहचान देने के लिए ख़रीदा गया है। बाबा के मुताबिक, वो इसपर विश्व स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं देंगे। रामदेव ने उस समय यह बयान दिया था कि अगले 18 महीनो में इसको एक नई पहचान होगी, हम इसे शांति के टापू के रूप में विकसित करेंगे|

बाबा की इनकम :-

वर्ष 2009-2010 में ट्रस्ट का टर्नओवर 1100 करोड़ रु. था। योग शिविरों में पंजीकरण शुल्‍क से हर साल 25 करोड़ रुपए से ज्‍यादा की आय होती है। इसके अलावा बाबा के पास एक हेलीकॉप्टर भी है, जिसे वह अपने एक शिष्य की भेंट बताते हैं। इतनी संपत्ति के मालिक होने के बावजूद बाबा रामदेव का कहना है कि कई लोग मेरे आश्रमों में आते हैं और छोटी-मोटी राशि दान करते हैं, मैंने सारी संपत्ति इन्हीं से बनाई है मगर, मेरे पास कोई पर्सनल अकाउंट नहीं है|

आज बाबा आटा, दाल, चावल, नमक, जैम, जेली, च्यवनप्राश, फिनायल, तेल, साबुन, महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन जैसे उत्‍पाद देश भर में बेच रहे हैं इनसे भी काफी बड़ी रकम ट्रस्ट को हर महीने मिलती है| योग सीडी बाबा का साहित्य भी उनकी कमाई का बड़ा जरिया है|