फर्रुखाबाद: नगर पालिका परिषद की आज शनिवार को अपरान्ह 3 बजे से प्रस्तावित बैठक के एजेंडे से सदन की स्थायी समितियों के गठन का प्रस्ताव ही सिरे से गायब है। पालिका परिषद के भीतर अध्यक्ष की मनमानी को रोकने व आंतरिक लोकतंत्र की दृष्टि से संविधान के 73वें संशोधन में दी गयी व्यवस्था को सिरे से नकार दिया गया लगता है। इस सम्बंध में अधिशासी अभियंता आर डी बाजपेयी ठीकरा अध्यक्ष के सर फोड़ते नजर आ रहे हैं।
विदित है कि आज अपरान्ह तीन बजे से नगर पालिका परिषद की पहली बैठक आहुत की गयी है। बैठक के लिए अधिशासी अधिकारी आर डी बाजपेयी की ओर से जो एजेंडा जारी किया गया है उसमें करोड़ों के बजट के फांट, कर्मचारियों की भर्ती और ठेकों की स्वीकृति पर तो पूरा ध्यान दिया गया है परन्तु सदन के भीतर विभिन्न कार्यों के लिए अधिनियम में प्रस्तावित आधा दर्जन समितियों के गठन का प्रस्ताव नदारद है। उल्लेखनीय है कि पंचायती राज व्यवस्था के अन्तर्गत 73वें संशोधन में सदन के भीतर आंतरिक लोकतंत्र को बढ़ावा देने व अध्यक्ष की मनमानी पर लगाम की दृष्टि से विभिन्न कार्याें के लिए अलग-अलग आधा दर्जन समितियों के गठन का प्रावधान है। सामान्यतः इन समितियों का गठन सदन की प्रथम बैठक में हो जाना चाहिए। इनमें निर्माण कार्य समिति, नियोजन समिति, स्वास्थ्य समिति, शिक्षा समिति, जल प्रबंधन समिति व लेखा समिति शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक समिति अपने नाम के अनुसार निकाय के विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार होती है। यह अलग बात है कि इनमें से कई समितियों का अध्यक्ष स्वयं पालिकाध्यक्ष ही होता है। परन्तु फिर भी उसमें अन्य सदस्यों के सम्मलित होने से किसी एक व्यक्ति की मनमानी पर अंकुश की संभावना बनी रहती है। परन्तु यहां तो इन समितियों के गठन का प्रस्ताव ही पहली बैठक के एजेंडे से गायब है।
अधिशासी अधिकारी आर डी बाजपेयी से इस सम्बंध में वार्ता किये जाने पर उन्होंने माना कि प्रथम बैठक के एजेंडे में समितियों के गठन का प्रस्ताव सम्मलित नहीं है। इसका कारण पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि चूंकि एजेंडा अध्यक्ष महोदया से विचार विमर्श के बाद जारी किया गया है, व उस वार्तालाप में इस बिंदु की चर्चा कहीं नहीं आयी।