कायमगंज (फर्रुखाबाद) : कायमगंज व राजेपुर क्षेत्र में गंगा की बाढ़ ने लगभग डेढ़ दर्जन ग्रामों में तबाही मचा दी है। ग्रामीण पेयजल की समस्या से भारी परेशानियों से जूझ रहे हैं। किसानों की तैयार फसलें गंगा की धार में समा जाने से आगे आने वाले दिनों में भी ग्रामीणों को भुखमरी का शिकार होना पड़ेगा।
नरौरा बांध से छोडे गये पानी से गंगा का जल स्तर बढ़ने से कटरी क्षेत्र के गांव में बाढ की विनाश लीला जारी है। किसानो की हजारों बीघा जमीन बाढ के पानी में डूब चुकी है। लगभग एक दर्जन से अधिक गांव पूरी तरीके से जल मग्न हो गये है। वही तराई क्षेत्र के गांव कुआंखेडा,भकुसी में लोगो को संभलने का मौका भी नही मिला। और बाढ की चपेट में आ गये। ग्रामीणों का सारा गृहस्थी तथा अन्य घरेलू सामान सब पानी में डूब चुका था। भयभीत किसान जैसे तैसे अपनी जान बचाकर अपने घरों से महिलाओं,बच्चों एवं पशुओं को लेकर पलायन कर गये।
कायमगंज के तराई क्षेत्र के गांव कुआंखेडा,भकुसी,दोषपुर,खान आलमपुर, शंकरनगला, छतरई, अजमतपुर, भान का नगला, मीरगंज आदि एक दर्जन से अधिक गांवो का सम्पर्क तहसील मुख्यालय से टूट गया है। गंगा के बहाव से खंानआलमपुर के प्राइमरी विद्यालय भी जल मग्न हो चुका हेै। स्थिति यह है कि लोगो को अपने बच्चे एवं जानवरों को निकालना दूवर हो गया है। और बाढ की स्थिति विकराल रूप धारण लगातार करती जा रही है। इन गांवो में तहसील प्रशासन द्वारा बाढ के रोग के लिए भारी इन्तजाम किये जाने के बाद भी इनके इन्तजाम धरे के धरे रह गयें। और लाखेां रूपये की बनवायी गई ठोकरें गंगा के बहाव ने खत्म कर दी। इन गांवों के ग्रामीणांे ने पलायन करना शुरू कर दिया है ग्राम भकुसी निवासी रामवीर, वलवीर, केैलाश, एवं ग्राम छतरई निवासी भईया लाल, रमेश, वीरेन्द्र, बडे लला , आदि लोगो ने बताया कि उनकी सैकडों बीघा धान की फसल जलमग्न हो गयी है। ऐसे में वह क्या करें। किस तरह उन्होने बैंकों एवं साहूकारों से कर्ज लेकर फसल उगाई थी। लेकिन बाढ के पानी में उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। कायमगंज के तराई के गांव ही नही वल्कि शमसाबाद में गंगा ने विकराल रूप धारण कर लिया है।
बाढ़ के पानी से शमसाबाद क्षेत्र के हरसिंहपुर ,काशिमपुर तराई ,साधौंसराय,समैचीपुर, चितार ग्रामों के पांच दर्जन से अधिक घरों में बाढ का पानी घुस चुका है। ग्रामवासी अपना सामान व परिवारीजनों को लेकर यातो अपने रिश्तेदारों के यहां चले गये है। या सुरक्षित स्थान पर पहुंच चुके हैं। प्रशासन के बयान से हरसिंहपुर के छः मकान ,काशिमपुर तराई के 12,साधौंसराय के लगभग दो दर्जन मकानों की सूची तैयार की है। प्रशासन की ओर से फरमान दिये जाने के बाद भी ग्रामीण घर छोडने के लिए तैयार नहीं है। तराई क्षेत्र के कई गांव की स्थिति यही है यहां के लोगो को खतरे की परवाह नहीं है जबकि पानी तेजी से बंढ रहा है प्रशासन ने इन गांव के लोगों केा एलर्ट किया है और गांव छोडने का निर्देश दिया है पर गांव के लोगो पर इसका कोई असर नहीं है। वहीं कम्पिल का तराई क्षेत्र गंगा की बाढ से अछूता नहीं हेै यहां के गांव धीमरनगला,मिस्तनी,नगलादत्त, कदमनगला, रैपुरा आदि ग्रामों की स्थिति नाजुक बनी हुई है। और इन ग्रामों के मकानों में पानी घुस चुका है।