Friday, January 10, 2025
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पुलिस को चुनौती: पांच दिन में 10 चोरी, एक हत्या, तीन लूट की बारदातें

फर्रुखाबादः जनपद में पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्नवाचक चिन्हं लगना लाजमी है जब प्रतिदिन लोगों के ताले टूट रहे हैं। हत्याओं के साथ लूट की बारदातों में वृद्वि हुई है। कुछ की लूट की रिपोर्ट चोरी में दर्ज की जाती है तो कहीं रिपोर्ट ही नहीं लिखी जाती है। आम आदमी परेशान है। न स्कूलों में बच्चों की ड्रेसें सुरक्षित हैं न घरों में वृद्व और न ही मंदिरों में जाने वालीं श्रद्धालु महिलायें। जहां देखिये वहां लूट, चोरी, हत्या का ही बोलबाला हो गया है। लेकिन पुलिस इन पर अंकुश लगाने में बिलकुल नाकाम नजर आ रही है।

जनपद में किसी भी थाने का आपराधिक रिकार्ड उठाकर देखिये तो वह चोरी, हत्या और बलात्कार जैसी घटनाओं से भरा पड़ा है। जबकि कई बड़ी घटनायें होने के बावजूद भी पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती या घटना को ही झूठा बताकर मामले को टरका देती है। शहर में बीते पांच दिनों के अंदर तकरीबन 10 चोरियां, 3 लूट की बारदातें होने के बावजूद पुलिस की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं आ पा रहा है। न ही महीनो पहले हुई चोरियों का खुलासा हुआ। आम आदमी भरोसा करे तो करे किस पर एफआईआर दर्ज हो भी गयी तो भी पुलिस दबे शब्दों में कह जाती है कि एफआईआर दर्ज करा लो हम जांच में निकाल देंगे। यह कोई नई बात नहीं। जांच तो वही करते हैं, चोर-चोर मौसेरे भाई।

जहां एक तरफ सूबे के मुखिया युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कानून व्यवस्था को सुधारने की दुहाई दे रहे हैं वहीं कानून व्यवस्था की धज्जियां खुद उन्हीं के कर्मचारी बखूबी उड़ा रहे हैं। पुलिस वसूली में व्यस्त है और चोर व अपराधी अपने काम को अंजाम देने में। दोनो तरफ से जनता की ही जेब कट रही है।

स्कूल से बच्चों की ड्रेस व सामान चोरी

थोड़ा प्रकाश बीते दिनों में हुईं घटनाओं पर – दिनांक 31 जुलाई 2012 – पखना मोहम्मदाबाद का प्राइमरी विद्यालय से बच्चों की ड्रेसें चोरी।

पंडाबाग मंदिर में एक बड़े घर की बहू के ब्लाउज से टप्पेबाज ने मोबाइल उड़ाया

25 जुलाई को पन्डाबाग से श्रद्धालु महिला का मोबाइल उड़ाया।

सर्वेश अंबेडकर के बंद पड़े घर से लाखों के जेव-नगदी चोरी

1 जुलाई को फतेहगढ़ के अम्बेडकर नगर निवासी बसपा के पूर्व मंत्री सर्वेश अम्बेडकर के घर पर चोरों ने ढाई लाख नगर व तकरीबन दस लाख का जेबर उड़ाया।

टैक्सी मालिक के घर से 6 लाख का जेवर चोरी

2 जुलाई को थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के बजरिया निवासी टैक्सी मालिक सुभाष दीक्षित के घर से 6 लाख का जेबर चोरी

चोरी से पूर्व बदमाशों ने 72 वर्षीय वृद्धा को गला दबाकर मार डाला

3 जुलाई को थाना कायमगंज के ग्राम रसीदपुर निवासी 65 वर्षीय वृद्वा बालकदेवी  की लुटेरों ने गला दबा कर हत्या कर दी और जेबरात लेकर रफूचक्कर हो गये।

चोरों ने तीन दुकानों के शटर तोड़ हजारों उड़ाये, व्यापारियों ने जाम लगाकर कोतवाली घेरी

4 जुलाई को शहर कोतवाली क्षेत्र के सेठगली में अग्रवाल साड़ी सेन्टर व अनिल रेडीमेंड के अलावा लाल दरबाजे के जूते की दुकान को एक ही रात में चोरों ने लाखों रुपये की नगदी व सामान उड़ा दिया। व्यापारियों ने जाम लगाकर कोतवाली भी घेरी।

बाजार से लौट रहीं युवतियों से बाइक सवार लुटेरों ने चेन लूटी

4 जुलाई को मोहम्मदाबाद में दिन दहाड़े राह चलती महिला रंजना की चेन लूटकर लुटेरे खुलेआम तमंचा लहराते हुए फरार हो गये। जबकि उसके पास में ही बने अस्पताल में पीएसी बल तैनात बना रहा किसी ने लुटेरों का पीछा करने की जहमत नहीं उठायी।

बेकाबू चोर, असहाय पुलिस: दुकानदार के घर से चोरों नगदी जेबर उड़ाये

5 जुलाई को कोतवाली फतेहगढ़ के सेन्ट्रल जेल चौकी के अन्तर्गत ग्राम बिजाधरपुर के पाल नगला निवासी कास्मेटिक्स के दुकानदार प्रदीप सक्सेना के घर का ताला तोड़कर उसमें रखे 13 हजार रुपये नगद व गहने उड़ा दिये।

न जाने ऐसे कितनी घटनायें जो थाना कोतवाली में आकर अफसरों की जी हुजूरी के बाद भी दफन हो गये। किसी कारणवश मीडिया में न आ पाने के कारण उन पर पर्दा डाल दिया गया। प्रश्न यह उठता है कि यह तो मात्र पांच दिन का आपराधिक इतिहास है। वर्षों पुराना भी अगर रिकार्ड खंगालें तो पुलिस अभी कई बड़े मामलों पर भी अभी सिर्फ लीक ही पीट रही है। शुकरुल्लापुर की बैंक डकैती, नबावगंज में एक ही रात में दर्जनों दुकानों के ताले टूटना इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि चोर व अपराधी जनपद की पुलिस पर पूरी तरह से हावी हैं। वहीं पुलिस बड़ा मामला होने के बावजूद भी खुलासे नहीं कर पा रही है। पूछे जाने पर सिर्फ जबाब यही मिलता है जांच चल रही है। जांच है या बीरबल की खिचड़ी जो वर्षों हो जाने के बाद भी पक नहीं रही।

बीते कुछ दिनों पूर्व आलू मण्डी के पास झोला ले जाते समय व्यापारी से लूट की बारदात हुई थी। वर्तमान पुलिस अधीक्षक नीलाब्जा चौधरी ने वयान दिया था कि अगर खुलेआम झोले में लाखों रुपये लेकर चलोगे तो यह अपराधी तो अपना हाथ साफ कर ही लेंगे। लेकिन अब यह बात समझ में नहीं आती कि क्या श्रद्धालु घर से बाहर गले में चैन पहन कर न जायें या बच्चों की ड्रेसों को स्कूल में न रखा जाये या घर में चार पैसे रखने के बाद व्यक्ति घर पर न सोये इन सब बातों का जबाव पुलिस के पास शायद नहीं है। फिलहाल अपराधों में बढ़ोत्तरी दर बढ़ोत्तरी होती जा रही है।

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