Saturday, January 11, 2025
spot_img
HomeUncategorizedकारगिल जंग: 13 साल बाद भी सरकार ने नहीं सीखा कोई सबक

कारगिल जंग: 13 साल बाद भी सरकार ने नहीं सीखा कोई सबक

कारगिल युद्ध को हुए 13 साल बीत चुके हैं। लेकिन आज तक भारत सरकार ने इस युद्ध से कोई सबक नहीं सीखा है। कारगिल युद्ध में सामने आई खामियों और गलतियों को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए बनाई गई कारगिल रिव्यू कमिटी (केआरसी) की कई सिफारिशें आज तक धूल फांक रही हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा पर बनी नरेश चंद्रा टास्क फोर्स ने यह बात कही है। पूर्व सेना अध्‍यक्ष वी के मलिक भी मानते हैं कि भारतीय सेना में जज्‍बे की कोई कमी नहीं है। कमी है तो सिर्फ हथियारों और आधारभूत ढांचे की।
गौरतलब है कि 1999 के कारगिल युद्ध में भारत के 527 जवान नियंत्रण रेखा के पास कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ते हुए शहीद हुए थे।पाकिस्तानी घुसपैठियों को अपनी ज़मीन से खदेड़ने की याद में 26 जुलाई यानी गुरुवार को ‘विजय दिवस’ के तौर पर मना रहे हैं। नरेश चंद्रा टास्क फोर्स कारगिल रिव्यू कमिटी के गठन के एक दशक बाद नियुक्त की गई टास्क फोर्स को केआरसी की सिफारिशों, और उनके लागू होने की समीक्षा और नए उपाय सुझाने को कहा गया था। अब नरेश चंद्रा टास्क फोर्स की सिफारिशों का विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां अध्ययन कर रही हैं। नरेश चंद्रा टास्क फोर्स नेशनल सेक्योरिटी डॉक्ट्रीन के पक्ष में है।

टास्क फोर्स ने कहा है कि डिफेंस स्टाफ चीफ से जुड़ी सिफारिशें और रक्षा मंत्रालय और विभिन्न सेनाओं के मुख्यालय को इंटीग्रेट करने की सिफारिशें आंशिक तौर पर मान ली गई हैं। टास्क फोर्स के मुताबिक इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ या ट्राई-सर्विसेज अंडमान एंड निकोबार कमांड के गठन जैसी बातें भी मान ली गई हैं। लेकिन टास्क फोर्स का कहना है कि विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय में अभी तक ‘लिंक’ नहीं हो पाया है। साथ ही रक्षा सामान की खरीद को लेकर कई अहम सिफारिशें अब भी धूल फांक रही हैं।

कारगिल जंग से सबक सीखने के नाम पर सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। नियंत्रण रेखा के उन इलाकों में भी सुरक्षा और निगरानी के लिए सैनिकों की तैनाती कर दी गई है, जहां पहले सैनिक तैनात नहीं थे। केंद्र ने सीमा के नजदीक तैनात सैनिकों के लिए रसद की 24 घंटों की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अगले महीने से श्रीनगर से लेह को जोड़ने वाली 6 किलोमीटर लंबी जोजी ला सुरंग के निर्माण का काम शुरू हो रहा है। कारगिल युद्ध के बाद नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना ने मुश्को-द्रास-काकसर-यलदोर में सेना की एक डिवीजन को तैनात किया है। इसमें करीब 10 हजार जवान शामिल हैं। मई, 1999 से पहले इस इलाके में महज 3 हजार सैनिक ही तैनात थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments