Friday, December 27, 2024
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केजरीवाल के नेतृत्व में अन्ना समर्थकों का अनशन शुरू, कांग्रेसियों ने किया हंगामा

जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर टीम अन्ना के सदस्यों की ओर से दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित अनशन स्थल पर कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। अनशन स्‍थल पर कांग्रेस की स्टूडेंट विंग (एनएसयूआई) के कुछ कार्यकर्ता धमक गए और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेसियों ने मंच पर चढ़ने की कोशिश की, लेकिन टीम अन्ना समर्थकों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। बाद में उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया।

अनशन स्थल पर लोग खासी संख्या में जुट गए हैं। भीड़ को दखते हुए अनशन स्थल पर सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। अनशन स्थल पर अन्ना के समर्थक देश भक्ति गीत गाकर अपना समर्थन जाहिर कर रहे हैं। मंच पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की एक बड़ी तस्वीर लगाई गई है। इसके अलावा उन नेताओं की तस्वीर लगाई गई है जिनके खिलाफ टीम अन्ना स्वतंत्र जांच कराने की मांग कर रही है।
गर्मी और उमस के बावजूद महिलाओं और युवाओं की उपस्थिति देखी जा रही है। उनके अलावा वहां स्कूली छात्र-छात्राएं और अन्य बच्चे भी हैं। जंतर-मंतर से लेकर कनॉट प्लेस की सड़क तक हर तरफ अन्ना टोपी पहने और हाथों में तिरंगा लिए लोग देखे जा रहे हैं।
अनशन स्‍थल पर आने वाले लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अन्ना और जनलोकपाल से संबंधित किताबें और सीडी बेची जा रही हैं। मुख्य मंच पर होने वाले कार्यक्रम को दिखाने के लिए एक बड़ा सा एलईडी स्क्रीन लगाया गया है।
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय अपने समर्थकों के साथ अनशन पर बैठे हैं। अपनी तीन सूत्री मांगों पर टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल और संसद का शुद्धीकरण बेहद जरूरी है। इसके बिना जन लोकपाल बिल पारित नहीं हो सकता। केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल 15 वरिष्ठ मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया जाना चाहिए। इसमें सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जजों को शामिल किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा कि किसी भी मामले में आरोपी सांसदों के खिलाफ सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाया जाना चाहिए, जहां से छह महीने के भीतर इन मामलों का निपटारा हो सके। उन मामलों की भी जांच विशेष जांच दल कराई जानी चाहिए, जिनमें आरोपी किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और मामले जांच सीबीआई कर रही हो।

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