फर्रुखाबाद, पिछले विधान सभा चुनाव में 147 वोटों से चुनाव हारकर हाथ मलने वाली भाजपा ने निकाय चुनाव में भारी दुर्गति हुई है| नगर में मेजर फैक्टर सबसे बड़ा है इस बात को विरोधी भी कबुलते है| माला के साथ रहते हुए भी भाजपा को इतने कम वोट मिले? चर्चा एक बार फिर गद्दारों की शुरू हो चुकी है| सदर सीट पर रामबाबू दुबे जैसी स्थिति होना भाजपा के लिए चिंताजनक स्थिति से कम नहीं है|
हालाँकि भाजपा के पास शमशाबाद सीट है जहाँ उसका अध्यक्ष सपा से कुर्सी छीन लाया है| जिले में पार्टी के प्रदेश स्तर के आधा दर्ज़न से अधिक नेता हैं| किसी मीटिंग में मंच पर बैठने को जगह नहीं मिलती है| और जब परिणाम आते हैं तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाती है| पर उम्मीदवार माला पारिया को 6896 वोट पाकर संतोष करना पड़ा है| जबकि चुनाव में सभी वरिष्ठ नेताओं ने कमान संभाल रखी थी| पार्टी नेताओं के भितरघात के किस्से भी छिपे नहीं रह गए हैं| पिछले लम्बे समय से पार्टी हर चुनाव बराबर हारती ही आ रही| उधर पार्टी नेर्ताओं में एक दूसरे की टांग खींचने की आदत बढ़ रही है|