साक्षरता अभियान में प्रेरकों की नियुक्ति में धांधली

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फर्रुखाबाद: संपूर्ण साक्षरता अभियान के अंतर्गत प्रेरकों की नियुक्ति के नाम पर धांधली का दौर जारी है। जिला समन्वयक(सामुदायिक सहभागिता) से लेकर खंड शिक्षा अधिकारी तक इस लूट में शामिल हैं। विगत दिसंबर में जिलाबेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी विज्ञापन में जिला समन्वयक, ब्लाक समन्वयक एवं ग्राम पंचायत स्तर पर प्रेरकों की नियुक्ति के लिये आवेदन प्रत्र आमंत्रित किये गये थे। दिनांक 31.03.2012 तक ही इन पदों पर नियुक्ति होनी थी। आवेदन लेने के समय से ही मनमानी की जो प्रक्रिया चालू हुई सो आज तक जारी है।

जनपद में कुल 512 ग्राम पंचायतों में हाईस्कूल पास दो दो प्रेरकों (एक महिला व एक पुरुष) की नियुक्ति की जानी थी। प्रत्येक प्रेरक को दो हजार रुपये प्रतिमाह का मानदेय मिलना था। दो हजार रुपये के मानदेय वाली नौकरी के लिये कई उच्च शैक्षिक योग्यता वाले अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किये थे। वर्ष 1995 से पूर्व जनपद में दीपगंगा संपूर्ण साक्षरता अभियान व अन्य साक्षरता कार्यक्रमों में कार्य कर चुके अभ्यर्थियों को वरीयता दी जानी थी। आवेदन प्राप्त करते समय आवेदकों को न तो कोई प्राप्ति रसीद दी गयी व न ही कुल प्राप्त आवेदनों की कोई सूची जारी की गयी। विभागीय अधिकारियों की मनमानी के चलते आज तक प्रेरकों व समन्वयकों की नियुक्ति के नाम पर पैसे लेकर  आवेदन जमा करने का गोरखधंधा जारी है। जिला समन्वयक (सामुदायिक सहभागिता) सुनील आर्या द्वारा पैसे लेकर साक्षरता अभियान में कार्य करने का प्रमाण पत्र तक बनवाने का ठेका ले लिया। कई ब्लाक समन्वयक भी इनकी इस जुगलबंदी में शामिल हैं। कई अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र सीधे ब्लाक स्तर पर निर्धारित तिथि गुजर जाने के बाद भी जमा कराये गये थे। मजे की बात है कि यह सिलसिला अभी तक जारी है। अभी भी ब्लाक स्तर पर अभ्यर्थियों के आवेदन लिये जा रहे हैं।

 

विधान सभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने के कारण चयन प्रक्रिया उस समय रोक दी गयी थी। इस दौरान विज्ञापन में दी गयी तिथि 31.03.2012 भी गुजर चुकी है। परंतु आज भी उसी पुराने विज्ञापन के आधार पर अवैध वसूली का गोरखधंधा जारी है। जबकि कई जनपदों में अगले शैक्षि सत्र के लिय विज्ञापन निकाल दिये गये हैं। परंतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल अभी भी पुराने विज्ञापन के आधार पर वसूली की छूट दिये हुए हैं। इस संबंध में पूछे जाने पर श्री पटेल ने वसूली की जानकारी से इनकार करते हुए बताया कि प्रेरकों की नियुक्ति हो चुकी है।