फर्रुखाबाद: जनपद के निर्वाचन कार्यालय में इस समय अवैध वसूली का धंधा जोरों पर चल रहा है। कार्यालय के लिपिकों द्वारा निर्वाचन नामावलियों के नाम पर प्रत्याशियों से जमकर वसूली की जा रही है। जरूरतमंद प्रत्याशी भी अध्यक्ष व सभासद बनने की आश में पैसे देने में नहीं हिचक रहे हैं। कार्यालय में भीड़ के कारण प्रत्याशी मन माफिक रुपये देकर वोटरलिस्ट कालाबाजारी में खरीदने को मजबूर है। विभागीय अधिकारियों के संरक्षण से यहां तैनात लिपिकों की जेबें भर रहीं हैं।
जानकारी के मुताबिक निर्वाचन कार्यालय में तैनात लिपिक धीरेन्द्र सोमवंशी जरूरतमंद प्रत्याशियों से वोटरलिस्ट के नाम पर दो रुपये प्रति पेज के हिसाब से ले रहे हैं। ऐसे में केवल नगर पालिका परिषद फर्रुखाबाद में 37 बार्ड व एक अध्यक्ष पद पर चुनाव होना है। प्रति बार्ड में कम से कम 10 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इस प्रकार पूरे नगर पालिका परिषद में कुल 370 सभासद पद के उम्मीदवार कम से कम होंगे। जिन सभी को निर्वाचन नामावलियों की फोटो कापी चाहिए होगी। निर्वाचन कार्यालय के लिपिक द्वारा इनकी जरूरत को भांप कर एक रुपये प्रति कापी के हिसाब से मिलने वाली वोटरलिस्ट को दो से तीन रुपये प्रति कापी के हिसाब से दे रहे हैं। लिपिक द्वारा प्रति दिन हजारों रुपये की अवैध वसूली प्रत्याशियों से की जा रही है।
जो प्रत्याशी जन प्रतिनिधि बनकर विकास कराने का घोषणापत्र दे रहे हैं वही प्रत्याशी पहले ही पायदान पर प्रशासन के भ्रष्टाचार का शिकार बन रहे हैं। निर्वाचक नामावलियों को पाने के लिए निर्वाचन कार्यालय में भीड़ को देखते हुए कुछ प्रत्याशी तो मनमाने रुपये देने तक को तैयार हो जाते हैं। जिससे कार्यालय के लिपिक की खूब बन आयी है। अब ऐसा नहीं लगता कि कार्यालय लिपिक द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार को निर्वाचन कार्यालय के अधिकारी नहीं जानते हों। लेकिन फिर भी खुलेआम प्रत्याशियों से दो से तीन गुने रुपये वसूलकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके लिए तेज तर्रार जिलाधिकारी का भी खौफ इन बाबुओं को नहीं सता रहा है। शायद उन्हें विभाग की के अधिकारियों का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है।