लखनऊ| उत्तर प्रदेश की पिछली बसपा सरकार के दौरान हुए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में शामिल रहे सहकारिता विभाग की निर्माण एजेंसी पैकफेड के एमडी वीके चौधरी को हटाकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसकी कमान वीडी मिश्रा को सौंप दी थी लेकिन शिवपाल यादव ने वीके चौधरी पर मेहरबानी दिखाते हुए उन्हें भण्डार निगम का एमडी नियुक्त कर दिया है|
शिवपाल के इस निर्णय से ज़ाहिर हो गया है कि वर्तमान समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार की मंशा भ्रष्ट तंत्र से लड़ने की नहीं बल्कि जनता को सिर्फ बरगलाने की है| ऐसे में लगने लगा है कि जो भी घोटालेबाज इस सरकार की शरण में आयेंगे, उनको पुनः मलाई काटने का मौका मिल जायेगा|
वीके चौधरी ने अपने पद का दुरूपयोग कर करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की| इतना ही नहीं वीके चौधरी ने अपनी काली कमाई से लखनऊ के गोमतीनगर इलाके से सटे हुए भरवारा गाँव में कई करोड़ की कीमत वाली जमीन भी खरीदी| वीके चौधरी ने पैकफेड के एमडी के पद पर रहते हुए करोड़ों की सम्पत्ति जुटा ली थी, जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है| इतना ही नही वीके चौधरी ने एनआरएचएम घोटाले में कई करोड़ के वारे न्यारे भी किये हैं| जांच के दौरान जो सबसे चौकाने वाली बात सामने आई है वो ये कि चौधरी ने अपनी सास से अपने नाम करोड़ों की वसीयत करा ली जबकि सास की हैसियत कुछ लाख की ही है|
हालांकि इन आरोपों के सामने आने के बाद जिस तरह से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वीके चौधरी को उनके पद से हटा दिया था उसे देखकर तो ऐसा लगा कि मानों अब वो समय आ गया जब प्रदेश की जनता को भ्रष्टाचार से जल्द ही मुक्ति मिल जाने वाली है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ| भ्रष्टाचार तले दबी जनता को आज बड़ा झटका लगा जब सपा सरकार के कद्दावर मंत्री ने वीके चौधरी को भण्डार निगम का एमडी नियुक्त किया|