टीईटी पर अब निकाय चुनाव के बाद फैसला

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शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के भविष्य पर फैसला अब निकाय चुनाव के बाद ही होगा। इसके चलते प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी जुलाई के बाद भी बनी रहेगी। इसलिए टीईटी पास करने के बाद शिक्षक बनने की चाहत रखने वालों को अभी निकाय चुनाव की मतगणना समाप्त होने तक इंतजार करना होगा।

यूपी में प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए टीईटी नवंबर 2011 में आयोजित कराई गई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर परीक्षा स्क्रूटनी के लिए मांगे गए आवेदन के बाद अंक बढ़ाने में हुई गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद टीईटी के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा। प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार बनने के बाद टीईटी पास अभ्यर्थियों ने पांच कालीदास मार्ग स्थित आवास पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।

उन्होंने पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बना दी थी। कमेटी को 10 सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपनी थी।

मुख्य सचिव ने जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को तो सौंप दी, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय नहीं किया जा सका। इस बीच निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई। निकाय चुनाव में फायदा पहुंचाने के संबंध में कोई निर्णय नहीं किया जा सकता है। इसलिए निकाय चुनाव समाप्त होने के बाद ही अब इस संबंध में निर्णय किया जा सके।