फर्रुखाबाद:मध्याह्न-भोजन योजना के सहायक निदेशक एमपी सिंह कुशवाहा की जांच में जनपद स्तर पर चल रही अनियमितताओं का पिटारा जैसे खुल कर सामने आ गया। विद्यालयों में गैस व बर्तनों की खरीद की मद में आयी धनराशि के चेक अधिकारियों के पास दबी मिलीं। आईवीआरएस प्रणाली में दर्ज नंबरों के घोटाले का एक नया अध्याय खुलकर सामने आया। वर्षों पूर्व स्थानतरित व सेवानिवृत शिक्षक तक अपने पूर्व तैनाती के विद्यालयों में अंकित मिले। मद परिवर्तन कर बजट के उपयोग में वित्तीय अनियमितताओं के मिलने की भी सहायक निदेशक ने पुष्टि की है। जिला समन्वयक के कार्यालय में लाखों रुपये के कीमती फर्नीचर को देखकर तो सहायक निदेशक दंग ही रह गये।
सहायक निदेशक को मिली एमडीएम में घोटालों का पिटारा
विदित है कि जनपद में मध्याह्न-भोजन योजना की स्थिति काफी समय से दुर्गति है। जेएनआई ने अपने अध्यन व फील्ड रिपोर्टर्स के अनुभवों के आधार की गयी विस्तृत छानबीन में जो तथ्य सामने आये थे, उनको पहले जिला समन्वयक मध्याह्न-भोजन व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद के साथ समाचारों के माध्यम से बांटकर अनियमितताओं के निवारण का प्रयास किया था। परंतु दोनों अधिकारियों द्वारा शिकायतों को स्वभाविक कारणों से सुना-अनसुना कर दिया। बाद यही तथ्य जब मध्याह्न-भोजन प्राधिकरण के निदेशक की जानकारी में लाये गये तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए सहायक निदेशक एमपी सिंह कुशवाहा को व्यक्तिगत रूप से जांच के लिये लखनऊ से यहां भेजा। श्री कुशवाहा ने सोमवार को यहां पहुंचकर पहले तथ्यों की अपने स्तर से जांच की व कुछ बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी के लिये हम से फिर बात की।
मंगलवार को प्रात: सहायक निदेशक मध्याह्न-भोजन एमपी सिंह ने वार्ता के दौरान जो कुछ बताया व हमारे लिये तो अचरज की बात नहीं थी, परंतु तथ्यों की आधिकारिक पुष्टि अवश्य हो गयी। श्री कुशवाहा ने स्वीकार किया कि प्राधिकरण से जो पैसा अवमुक्ति आदेश संख्या 1416/79-6-2011 दिनांक 17.01.2012 से भेजा गया था वह विगत 31 मार्च को ट्रेजरी से तो आहरित कर लिया गया, परंतु आज तक विद्यालयों को भेजा ही नहीं गया है। स्वभाविक कारणों से यह धनराशि अधिकारी आज तक दाबे बैठे हैं। उन्होंने स्वीकार किया आईवीआरएस प्रणाली में शिक्षकों के नंबरों के अंकन में अनियमितताओं की भी बात सामने आयी है। बानगी के तौर पर एक चर्चित शिक्षिका मंजू चौधरी के नंबर पर उन्होंने बात की तो उनके पतिदेव ने फोन उठा कर शिकायत की पुष्ट ही कर दी।
मध्याह्न-भोजन प्राधिकरण की ओर से एमएमई (मैनेजमेंट मानीटरिंग एंड एवोल्यूशन) मद में आने वाले बजट में व्यय-मद परिवर्तन कर करने व सीमित कंटीजेंसी के बावजूद जिला समन्वयक कार्यालय के लिये कीमती फर्नीचर व अन्य उपकरण खरीदने की बातों की भी पुष्टि सहायक निदेशक ने की है। उन्होंने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट निदेशक मध्याह्न-भोजन प्राधिकरण को सौंप देंगे। अग्रिम कार्रवाई निदेशक स्तर से की जायेगी।