फर्रुखाबाद: जनपद में गेहूं खरीद केन्द्रों पर किसानों का जमकर शोषण किया जा रहा है। किसानों से सीधे गेहूं लेने में आनाकानी की जा रही है वहीं बिचौलियों के माध्यम से 100 रुपये प्रति कुन्टल कम रेट पर गेहूं बेचने पर कोई दिक्कत नहीं आने दी जाती। वहीं किसानों को 20 से 25 दिन बाद उनके गेहूं के रुपये दिये जा रहे हैं। इससे किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस ओर प्रशासन की कोई नजर नहीं है।
जनपद में समस्त सरकारी गेहूं खरीद केन्द्रों पर बोरों व नगदी का कथित अभाव है। जिसके सहारे किसानों को समर्थन मूल्य से 100 रुपये कम पर गेहूं बेचने को मजबूर किया जा रहा है। ऐसे ही एक अमृतपुर स्थित यूपी स्टेट एग्रो के गेहूं खरीद केन्द्र का हाल है।
यहां पर खरीद केन्द्र प्रभारी सुभाषचन्द्र किसानों से सीधे गेहूं न लेकर बिचौलियों के माध्यम से 1085 से 1110 रुपये प्रति कुन्टल के हिसाब से खरीद रहे हैं। वहीं गेहूं का समर्थन मूल्य 1285 रुपये प्रति कुन्टल है। केन्द्र प्रभारी बिचौलियों द्वारा गेहूं की खरीद करवा रहा है। वहीं किसानों को उनके गेहूं का भुगतान 20 से 25 दिन में किया जा रहा है। मजबूरीबस किसान बिचौलियों व दलालों के हाथों अपने गेहूं को बेच रहा है। जिससे उसे बाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जिसके लिए प्रशासन द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। खरीद केन्द्र प्रभारी अपनी मनमानी पर उतारू हैं।
किसान छेदालाल अवस्थी, बृजेश यादव निवासी परतापुर, बाबूराम निवासी दौलतियापुर, रामप्रकाश निवासी अमृतपुर ने बताया कि उनका गेहूं बीते कई दिनों से अमृतपुर गेहूं खरीद केन्द्र पर पड़ा है। जो नहीं तौला जा रहा है जबकि जो किसान बिचौलियों व दलालों के माध्यम से कम रेट पर बेच देते हैं उनका गेहूं तौल लिया जाता है।