मानदेय की लालच में 700 छात्रों पर 51 अध्यापकों की सीडी भेज दी

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फर्रुखाबाद: नकल के कारोबार के बाद अब वित्तविहीन स्कूलों में अंशकालिक शिक्षकों की नियुक्ति का अलग व्यापार निकाल लिया है। प्रदेश सरकार के मानदेय दिये जाने की तैयारी देख अंशकालिक शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां कर सीडी जमा की जा रही है। राजेपुर के एक योगेंद्र सिंह इंटर कालेज चित्रकूट में 700 छात्र भी नहीं हैं पर वहां 51 शिक्षकों व कर्मचारियों की सीडी जमा की गयी है।

प्रदेश शासन के वित्तविहीन स्कूलों के अंशकालिक शिक्षकों का सेवा विवरण मांगे जाते ही कई प्रबंधकों ने शिक्षकों की नियुक्ति दिखाकर सीडी में सेवा ब्योरा जमा कर दिया। हालांकि अभी इस बात की कोई घोषणा नहीं है कि मानदेय कितना मिलेगा, शिक्षकों की अनुमन्यता का मानक क्या होगा, परंतु बेरोजगारी का लाभ उठाकर प्रबंधको ने 50 हजार से एक लाख रुपये तक की वसूली भी कर ली है। नये राजकीय हाईस्कूल में 7 शिक्षक, 1 लिपिक व 4 चतुर्थ श्रेणी के पद अनुमन्य किये जाते हैं पर कई वित्तविहीन स्कूलों ने वास्तविक रूप में एक-एक अनुभाग संचालित होने पर भी 40 से 50 शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति दिखा दी।

मोहम्मदाबाद के रामसिंह गंगा देवी हाईस्कूल पट्टी खुर्द में इस वर्ष नौंवी कक्षा के मात्र 21 अग्रिम पंजीकरण जमा हुए। यहां 24 शिक्षकों व कर्मचारियों की सूची जमा की गयी। देवी सिंह नगला अनूप में 51, पंचम नगरिया में 46, स्वामी आत्मदेव गोपालानंद ऊगरपुर में 54, गुरुदेव आदर्श नदौरा में 49, बाबा मथुरा गिरि पट्टी खुर्द में 46, अमर ज्योति गनुआ गलारपुर में 41, गंगा देवी में 40, मृदुला मेमोरियल में 43, हमीरखेड़ा में 52, मानिकपुर में 40 शिक्षकों व कर्मचारियों की सूची व सीडी डीआईओएस कार्यालय में जमा की गई।

वित्तविहीन विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों की सेवा नियमावली संबंधी शासनादेश 10 अगस्त 2001 के आधार पर यदि परीक्षण हुआ तो प्रबंधकों की सीडी में शामिल किये गये 90 फीसदी शिक्षक मानदेय पाने से बाहर हो जायेंगे। नियमावली में क्षेत्र के व्यापक प्रचलन वाले 2 समाचार पत्रों में रिक्तियों का विज्ञापन प्रकाशित करने, चयन समिति का गठन करने, साक्षात्कार में चयनित योग्य अभ्यर्थी को रजिस्टर्ड डाक से पत्र जारी कर कार्यभार ग्रहण करने के लिए एक माह का समय दिये जाने आदि का उल्लेख है। जिला विद्यालय निरीक्षक आरपी शर्मा ने बताया कि नियुक्तियों में शिकायत मिली है। उन्होंने कहा कि शासनादेश लागू हुआ तो बहुत से शिक्षक नहीं आ पायेंगे।