परिषदीय स्कूलों की परीक्षा के कापी पेपर में भी गोलमाल

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फर्रुखाबाद : वाह रे गुरु जी। विभाग ने परीक्षा के लिए स्कूल ग्रांट मद का 140.00 लाख रुपया दिया पर उसे कापी-पर्चा पर खर्च में ही गड़बड़झाला कर दिया। अधिकांश स्कूलों पर हुए गोलमाल की आशंका तब उजागर हुई जब परिषदीय परीक्षा के नाम पर कहीं बच्चों से वसूली तो कहीं ब्लैक बोर्ड से ही काम चलाने की बाते सामने आयीं। ग्रांट मद और टीएलएम मद की जांच के बाद इस मद में घोटाले की परते खुल सकती है|

तीन मई से जनपद के 1712 प्राथमिक व 550+ पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शुरू हुई परिषदीय परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। वजह, कापी-पर्चा का तरह तरह से किया गया जुगाड़ बना है। पूरी परीक्षा के दौरान ही खबरे मीडिया में सुर्खियाँ बन चुकी है कि ब्लेक बोर्ड से काम चलाया गया है| हेड मास्टरों ने बताया कि निजी धन से कापी खरीदी और पर्चा छपाया है। सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत निर्देश था कि विद्यालय विकास अनुदान मद के तहत दिए गए धन से कापी-पर्चा का प्रबंध करना है। एनसीआरटी के प्रारूप पर हर स्कूल में प्रश्न पत्र तैयार किया जाना था। जिस रोज परीक्षा होनी थी उसी दिन मूल्यांकन भी अनिवार्य रूप से किया जाना था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। विभागीय रिपोर्ट की माने तो खंड शिक्षा अधिकारियों से लेकर खुद बीएसए तक को ये मालूम है कि तमाम स्कूलों से परीक्षा के नाम पर वसूली की गयी| कुछ स्थानों पर तो अफसरों के निरीक्षण में गुरु जी ने सयाने तरीके से माफी मांग ली और कुछ जगहों पर रटाए गए बच्चों ने गुरु जी को कार्रवाई से बचा लिया।

चालू शैक्षिक सत्र के लिए विभाग ने सितंबर 11 को प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय के खाते में 5 हजार व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के खाते में 7 हजार रुपये भेज दिए। इसी मद से परीक्षा खर्च करने का निर्देश था। इसके अलावा विभाग ने टीचर लर्निग मैटेरियल मद का प्रति शिक्षक प्रति शिक्षा मित्र 500 रुपए के हिसाब से भुगतान किया। सितंबर में ही ग्राम शिक्षा निधि खातों में विभाग ने प्राइमरी स्कूल के सभी शिक्षको और शिक्षा मित्रो के लिए रुपये स्थानान्तरित कर दिए थे।