फर्रुखाबाद: शादी के 12 साल तक शादी शुदा महिला की मौत पर दहेज़ हत्या कानून का साया मडराता रहता है| भले ही मृतक महिला की मौत स्वाभाविक हो या आकस्मिक, ससुराल वालो की जान पर बन आती है| देखा गया है कि अधिकांश ऐसे मामलो में मृतक महिला के परिजन (मायके पक्ष) महिला के ससुराल पक्ष को दहेज़ हत्या के कानून का डर दिखा ब्लेकमेल करने का भरकस प्रयास करते है| कई बार तो मृतक महिला के ससुराल पक्ष के लोग लाश छोड़ कर भागने पर मजबूर हो जाते है| ऐसे मामलो में पुलिस को तुरंत मुकदमा लिख गिरफ्तारी का आदेश भी है| लगे हाथ पुलिस भी अपने काम में जुट जाती है|
ऐसा ही एक मामला बुधवार जनपद के सरकारी अस्पताल डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में देखने को मिला जब थाना कमालगंज के ग्राम भटपुरा गाँव में ब्याही 28 वर्षीया प्रतिमा उर्फ़ गुड्डी जली अवस्था में अस्पताल में लायी गयी और उसकी वहां उपचार के दौरान कुछ देर बाद मौत हो गयी| सुबह तक महिला के मायके पक्ष के लोग भी आ गए| लड़की के पिता ने लड़की की ससुराल में किसी भी प्रकार की प्रताड़ना से न केवल इंकार किया बल्कि अच्छे सम्बन्धो की बात भी कबूली मगर कुछ देर बाद ही समझौता बनाम मुकदमा की बात शुरू हो गयी|
खबर लिखे जाने तक दोनों में से कुछ भी नहीं हो पाया था अलबत्ता दहेज़ हत्या के कानून की तलवार ससुराल वालो की गर्दन पर अटकी हुई है| मुकदमे में पूरा कुनवा लिखवाने की धमकी दी जा रही थी| मृतक महिला प्रतिमा की दिल्ली में रहने वाली ननद साधना, उसकी सास जो बेटी के पास ही दिल्ली में रहती और देवर जो रजिपुर क़स्बे में रहता है सब निशाने पर आ गए| शुक्र है ससुर की चर्चा नही हुई चूँकि वो स्वर्ग में है| कुछ सलाहकारों ने मुकदमा दर्ज कराने पर बल दिया जिसमे पति समेत पूरे घर को लिखाने की बात होने लगी| इन सबके बीच मृतक प्रतिमा के दुधमुहे 1 साल के बेटे और 4 साल की बेटी पर किसी का ध्यान नहीं| माँ के साया उठने के बाद अगर बच्चो के बाप को भी जेल भेज दिया गया तो कौन इन दो मासूमो को पालेगा|
पहले घटना से रूबरू हो ले| मंगलवार की रात प्रतिमा की उसकी देवरानी से किसी बात को लेकर झगडा हुआ और कुछ देर बाद प्रतिमा ने मिटटी का तेल छिड़क कर आग लगा ली| प्रतिमा का पति कौशल किशोर उसे बचाने के चक्कर में खुद को जला बैठा| जली अवस्था में ही आधी रात को प्रतिमा को लोहिया अस्पताल में लाकर भारती कराया जहाँ इलाज के बेहतर अभाव में उसकी जान चली गयी| प्रतिमा और उसकी देवरानी आपस में रिश्ते में बहने भी है| घर में एक ही चूल्हा जलता है| गाँव में देवरानी जेठानी और उनका परिवार ही रहता है|
प्रतिमा के पिता मधवापुर थाना गुर्शैगंज जिला कन्नौज निवासी है| प्रतिमा की शादी को भी 7 साल हो चुके है| इन सात सालों में प्रतिमा बकायद मायके भी आती जाती रही और कभी कोई शिकायत ससुराल की उसने वहां नहीं की| जेठानी देवरानी के पारिवारिक झगडे इस कदर बढ़ गए कि प्रतिमा आत्महत्या को मजबूर हो गयी तो इसमें पूरा कुनवा कहाँ से आ गया|
प्रतिमा के मायके वालो के सलाहकारों ने कमान सम्भाल ली| मामला समझौते पर आकर खड़ा हुआ| समझौते में क्या क्या शर्ते होंगी ये खुलना बाकी है|