घटियाघाट गल्ला मंडी में पकड़ी गयी राजस्व की चोरी, मंडी सहायक संदेह के घेरे में

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फर्रुखाबाद: घटियाघाट स्थित अवैध गल्ला मंडी में मंडी कर्मचारी सहायक लक्ष्मी नारायण की मिलीभगत से चल रही मंडी शुल्क की चोरी को रंगे हाथो मंडी सचिव धमेंद्र यादव ने पकड़ लिया| अचानक छापा मारने पहुचे मंडी सचिव को देख अधिकांश व्यापारी दुकाने बंद कर भाग गए| जब सचिव ने मंडी सहायक लक्ष्मी नारायण सहित दुकानों को सील कर मुकदमा पंजीकृत कराने का एलान किया तो लक्ष्मी नारायण ने अपनी नौकरी का हवाला देकर दुकानदारो को घर से बुलवा कर अवैध कारोबार का जुरमाना भरवाकर मामला रफा दफा कराया| जुर्माने की रसीद काटने के दौरान रसीद बुक ही ख़त्म हो गयी जिससे दुकानदारो ने राहत की सास ली|
लाइसेंस केवल तमंचे का, बेच रहे बोफोर्स
घटियाघाट पर लगभग आधा सैकड़ा गला व्यापारी राशन का व्यापार करते है| यहाँ पर हरदोई, फर्रुखाबाद और शाहजहांपुर से खाद्द्यान बिकने आता है| एक अनुमान के मुताबिक वर्तमान में लगभग 1000 से 1500 कुंतल गेंहू की खरीद बिक्री इस स्थान पर हो रही है| मगर इतने बड़े व्यापार होने के बाबजूद थोक का व्यापार करने का लाइसेंस केवल एक दुकानदार भूरे सिंह के पास है| बाकी सब या तो फुटकर का लाइसेंस लिए है या बिना लिसेंस के व्यापार करते है| फुटकर दुकानदार को केवल 10 कुंतल की सीमा का व्यापार करने या स्टाक रखने का अधिकार है लेकिन इन दुकानों पर सैकड़ो कुंतल गल्ला रोज तुल जाता है|

इतना ही नहीं इतने बड़े व्यापार में नाम मात्र की ही मंडी शुल्क की वसूली यहाँ तैनात लक्ष्मी नारायण मंडी सहायक करते है| वैसे भी इन दिनों किसानो को लूटने के लिए लक्ष्मी नारायण के सहयोग से सरकारी खरीद केंद्र के दलाल भी सक्रिय हैं| घटिया घाट पर किसानो का गेंहू मंगलवार को 1150 रूपये कुंतल व्यापारियो ने खरीदा जबकि यही गेंहू व्यापारियो ने सरकारी खरीद केंद्र पर 1285 रुपये प्रति कुंतल से बेच देते है| सरकारी खरीद केंद्र पर बोरो की उपलब्धतता न होने का खेल खेला जाता है मगर व्यापारियो का स्टाक विधिवत खरीदा जा रहा है|

व्यापारियो को बचने के लिए दूसरी रसीद बुक ही नहीं निकाली-
मंगलवार को जब जिला मंडी सचिव ने घटिया घाट पर गल्ला दुकानों पर छापा मारा तो 11 दुकानदारो से 16000 का जुरमाना भी वसूला हालाँकि ये जुरमाना लगभग 1 लाख रूपया भी वसूला जा सकता था अगर जुर्माने की रसीद ख़त्म न होती| ये लक्ष्मीनारायण की कोई चाल थी या धर्मेन्द्र यादव की भी सुहानुभूति जो वहीँ बैठे बैठे दूसरी रसीद बुक मगाने की जगह मंडी समिति का अमला नौ दो ग्यारह हो गया|


राजस्व की चोरी करने वाले एक भी दुकानदार लाइसेंस नहीं दिखा सका-

छापे के दौरान पहले तो दुकानदार दुकाने बंद कर भाग गए| जब मंडी सहायक पर दबाब बनाकर दुकानदारो को बुलाया गया तो एक भी दुकानदार थोक अथवा फुटकर का लाइसेंस नहीं दिखा सका| जानकारी के अनुसार 1 थोक और लगभग 1 दर्जन फुटकर दुकानों के लाइसेंस लिए गए हैं लेकिन कितने दुबारा नवीनीकरण किये गए इसका कोई हिसाब मंडी सहायक भी नहीं बता सके| अलबत्ता दुकानदारो ने मीटिंग कर मंडी सचिव से मोहलत मांगी तब जुर्माने के साथ कुछ बात आगे बड़ी| राजीव दीक्षित से सबसे अधिक 5000 का जुरमाना वसूला गया वहीँ हरिकरण, सुनील कुमार, रघुवीर, प्रेमबाबू, जगपाल, हरिओम, कैलाश और श्याम सुन्दर हलके में निपट गए| मगर सवाल इस बात का है कि राजस्व की चोरी कराने वाला मंडी सहायक लक्ष्मी नारायण बिना किसी सजा या जुर्माने के किस कीमत पर मंडी सचिव ने बक्शा|