Wednesday, January 1, 2025
spot_img
HomeUncategorizedशातिर कैदी ने सेन्ट्रल जेल की बैरिक तोड़ी, फरार होने से पहले...

शातिर कैदी ने सेन्ट्रल जेल की बैरिक तोड़ी, फरार होने से पहले दबोचा गया

फर्रुखाबाद: फतेहगढ़ सेन्ट्रल जेल की बैरिक नम्बर पांच में हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा एक शातिर कैदी रात में बैरिक की ग्रिल काटकर बाहर निकल गया। रात में ही तलाश शुरू हो जाने के कारण मुख्य दीवार के निकट एक नाले की झाड़ियों में छिपा शातिर राव सिंह दबोच लिया गया। लगभग पांच घंटे की मशक्कत के बाद कैदी को फरार होने से पूर्व पकड़ लिये जाने के बाद जेल प्रशासन ने राहत की सांस ली। राव सिंह की फरारी के षड्यंत्र में जेल के अंदर के व बाहरी सहयोगियों के शामिल होने की संभावना व्यक्त की गयी है। फिलहाल जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला ने प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर बंदी रक्षक सुरेश को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है। प्रकरण की विस्तृत जांच की जा रही है।

विगत आठ वर्षों से सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ में निरुद्व बंदी संख्या 18042 राव सिंह पाल पुत्र रामगोपाल निवासी मुरीदपुर थाना अकबरपुर जनपद रमाबाईनगर (कानपुर देहात) हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। फतेहगढ़ सेन्ट्रल जेल के डेरा-खाना सर्किल की बैरक संख्या पांच में निरुद्व राव सिंह शातिर किस्म का अपराधी है। उसको हत्या व हत्या का प्रयास (धारा 302 व 307 के अन्तर्गत 18 सितम्बर 2001 को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। राव सिंह विगत 26 सितम्बर 2004 से सेन्ट्रल जेल फतेहगढ़ में निरुद्व है। शनिवार को राव सिंह से मिलने गोरेलाल नाम का एक व्यक्ति आया था। माना जा रहा है कि मुलाकात के दौरान उसी के साथ राव सिंह ने फरारी की योजना तैयार की थी।

रविवार तड़के लगभग तीन बजे राव सिंह बैरक संख्या पांच के शौचालय के अड़गड़े की एक सरिया काटकर बाहर निकल गया। सफेद कपड़े पहने राव सिंह को जाता देखकर एक बंदी रमेश उसे भूत समझकर डर गया। घबराहट में वह भूत-भूत चिल्लाने लगा। तभी वहां से निकल रहे सिपाही सुनील ने उससे पूछा क्या बात है। तो रमेश ने सामने की ओर इशारा करते हुए भूत-भूत कहकर बड़बड़ाने लगा। इसी समय वहां से गुजर रहे एक अन्य बंदी रक्षक सोवरन सिंह भी वहां पहुंच गया। बैरिक में नजर डालने पर एक बंदी कम देखकर बंदी रक्षकों में हड़कंप मच गया। आनन फानन में जेलर व जेल अधीक्षक को सूचना दी गयी और पूरी शिद्दत से जेल के भीतर ही बंदी की तलाश शुरू कर दी गयी। जेल में अचानक बढ़ी हलचल से घबराकर राव सिंह मुख्य दीवार के निकट नाले के पास झाड़ियों में दुबक गया।

उल्लेखनीय है कि इस नाले पर लगे अड़गड़े (ग्रिल) की भी एक सरिया कटी हुई थी। यदि जेल में तलाशी अभियान शुरू होने में थोड़ा और विलम्ब हो जाता तो राव सिंह का फरार हो जाना लगभग तय था। बाहरी दीवार के पास एक छोटा गैस सिलेण्डर मिलने से राव सिंह की फरारी की योजना में जेल स्टाफ के अतिरिक्त बाहरी व्यक्तियों के शामिल होने की संभावना की पुष्टि होती है। क्योंकि जेल की बाहरी दीवार के दोनो ओर अंदर व बाहर 24 घंटे पहरा रहता है। ऐसे में किसी व्यक्ति के लिए दीवार के निकट पहुंचकर नाले के अड़गड़े की सरिया को आसानी से काटकर निकाल देना मुश्किल है।

जेल अधीक्षक यादवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि प्रकरण की जांच की जा रही है। फिलहाल ड्यूटी पर तैनात सिपाही सुरेश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बाहरी व्यक्तियों के सम्मलित होने की संभावना की जांच की जा रही है। दोषियों को बख्सा नहीं जायेगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments