विप की 13वीं सीट की लड़ाई: निर्दलीय विधायकों की चांदी

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विधान परिषद के रिक्त हो रहे 13 स्थानों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का काम जारी है परन्तु किसी भी पार्टी के पास 13 वीं सीट हासिल करने लायक पर्याप्त मत नहीं है। दूसरे दलों व निर्दलीय विधायकों के वोटों के सहारे ही जीत संभव हो सकेगी। इस परिस्थिति में निर्दलीय विधायकों की भी पूंछ बढ़ सकती है।

कुल 402 विधायकों की वोटों के आधार पर चुने जाने वाले 13 सदस्यों में से हर एक को प्रथम वरीयता के कम से कम 30 मत हासिल करना जरूरी होगा। राजनीतिक दलों के विधायकों की संख्या पर गौर करें तो सपा के पास सात उम्मीदवार जीताने के बाद 14 वोटें अतिरिक्त बचेंगी। सपा को अपना आठवां प्रत्याशी जिताने के लिए 16 अन्य वोटों की जरूरत होगी। सपा की ओर से अखिलेश यादव, अम्बिका चौधरी, मधु गुप्ता, विजय यादव, रामसकल गुर्जर, नरेश उत्तम और राजेंद्र चौधरी के नामांकन पत्र दाखिल हो चुके है। आठवें उम्मीदवार के रूप में शाही इमाम के दामाद उमर खां का पर्चा भरवाने की तैयारी है।

सपा की तरह बसपा भी अतिरिक्त वोटों पर दांव खेलने के लिए तैयार है। सदन में बसपा के विधायकों की संख्या 80 है और सीधे तौर पर दो उम्मीदवार जीताने के बाद 20 वोट शेष बचेगी। अपने तीसरे प्रत्याशी को विजयी बनाने के लिए प्रथम वरीयता की दस वोटें चाहिए। बसपा को भरोसा है कि अन्य दलों से अतिरिक्त वोटें हासिल हो जाएगी, इसीलिए सुनील चित्तौड़ और सुखदेव राजभर के साथ ही ठाकुर जयवीर सिंह को तीसरे प्रत्याशी के रूप में उतार दिया है।

दूसरी ओर कांग्रेस और भाजपा अतिरिक्त वोट होने के बावजूद जोखिम उठाने के मूड में नहीं दिख रही है। कांग्रेस रालोद के साथ मिलकर संयुक्त प्रत्याशी उतारेगी। दोनों दलों के विधायकों की संख्या मिला कर 36 होती है। अर्थात एक उम्मीदवार जीताने के बाद गठबंधन के पास छह वोटें शेष रहेंगी परंतु उम्मीदवार एक ही रहेगा। कांग्रेस के समर्थन से रालोद ने मुश्ताक को अपना संयुक्त प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा की रणनीति भी कमोबेश ऐसी ही है। 17 अतिरिक्त वोटें अधिक होने के बाद भी भाजपा नेतृत्व एक से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में लाने को तैयार नहीं है और अब तक नाम भी फाइनल नहीं हो सका है। भाजपा के विधायकों की संख्या 47 है।

जानकारों का कहना है कि विधानपरिषद चुनाव का दारोमदार भाजपा के रुख पर ही निर्भर है। भाजपा ने अपने दो उम्मीदवार लड़ाने का मन बना लिया तो मतदान होगा वरना सभी उम्मीदवार 26 अप्रैल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए जाएंगे।