कायमगंज में तम्बाकू प्रदूषण से क्षय,दमा,केंसर के रोगी बढ़े

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कायमगंज (फर्रुखाबाद):   कायमगंज नगर पूरी तरह से तम्बाकू व्यवसाय से जन्मे वायु प्रदूषण से आच्छादित हो गया है। जिससे नगर में अब दमा, क्षय व कैंसर के रोगियों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। तम्बाकू की भस व गंध से लोगों का निकलना व जीना दूभर है। बुद्धजीवी लोगों की मांग है कि इन तम्बाकू गोदामों व कुटानों को नगर के भीड़भाड़ वाली बस्तियों से हटवाकर बाहर लगवाये जायें।

इस सम्बन्ध में प्रोफेसर आर बी मिश्रा  का कहना है कि इस क्षेत्र के लोगों का जीना ही तम्बाकू कुटानो ने दूभर कर दिया है। आबादी के नजदीक बने कुटानो में तम्बाकू की कुटाई और छनाई से जो डस्ट उडती है। उससे खासते खासते लोगों की हालत खराब हो जाती है। दमा टीवी आतों में सूजन और कैंसर जैसे रोग लोगों के स्वास्थ और जीवन के लिये खतरा बने हुये है। आप डाक्टरो के यहा जाकर देखिये अधिकतर मरीज तम्बाकू जनित बीमारियों के ही आते है।

समाज सेवी सामोश बाबू कठेरिया एडवोकेट का कहना है कि क्षेत्र का तम्बाकू व्यवसाय नौनिहालों के लिये सब से बडा अभिशाप है। गरीबी से परेशान माताये दो रोटी की जुगाड़ करने के लिये अपने दुधमूहें बच्चो को लेकर तम्बाकू गोदामो में काम करने के लिये विवशता वश जाती है और उनकी मजबूरी है। की वे अपने बच्चे के जीवन से खिलवाड को जानते बूझते मजबूर हैं उन्हाने कहा कि भारत के संविधान में बाल श्रम अपराध है। जिसकी रोक थाम के लिये श्रम प्रवर्तन विभाग कार्यरत है। हजारो की तादाद में बच्चे इन कुटानो गोदामो में काम कर रहे है। लेकिन आज तक एक भी बच्चा यहा से नही पकडा गया है क्यो कि बच्चो और विभाग के बीच में चॉदी की दीवार खडी होने से इनकार नही किया जा सकता ।