अंगूर में पाये जाते हैं मां के दूघ के समान पोषक तत्‍व

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कहते हैं कि अंगूर का उत्पादन सबसे पहले करीब छह हजार साल पहले यूरोप में हुआ था। फ्रांसीसियों के साथ यह अमेरिका पहुंचे जहां बाद में इसका प्रयोग वाइन बनाने के लिए किया जाने लगा। यह एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल है। इसमें मां के दूघ के समान पोषक तत्‍व पाए जाते हैं। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। यह निर्बल-सबल, स्वस्थ-अस्वस्थ आदि सभी के लिए समान उपयोगी होता है। आइये जानते हैं इसके और महत्‍वपूर्ण उपयोग-

अंगूर के फायदे-

1. अंगूर के नन्हें-नन्हें दाने बड़ी खूबियों से भरे होते हैं। अंगूर में पॉली-फेनोलिक फाइटोकेमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को न केवल कैंसर से, बल्कि कोरोनरी हार्ट डिजीज, नर्व डिजीज, अल्जाइमर व वाइरल तथा फंगल इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं।

2.
अंगूर में मिलने वाले पोषक तत्व हमारे पूरे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद रहते हैं। अंगूर में सीमित मात्रा में कैलॉरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, सोडियम, फाइबर, विटामिन ए, सी, ई व के, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंग्नीज, जिंक और आयरन भी मिलता है।

3. शरीर के किसी भी भाग से रक्त स्राव होने पर अंगूर के एक गिलास ज्यूस में दो चम्मच शहद घोलकर पिलाने पर रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है जिसकी कि रक्तस्राव के समय क्षति हुई है।

4. अंगूर का गूदा ” ग्लूकोज व शर्करा युक्त ” होता है। विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में होने से अंगूर का सेवन भूख बढाता है, पाचन शक्ति ठीक रखता है, आँखों, बालों एवं त्वचा को चमकदार बनाता है।

5. हार्ट-अटैक से बचने के लिए काले अंगूर का रस एसप्रिन की गोली के समान कारगर है। एसप्रिन खून के थक्के नहीं बनने देती है। काले अंगूर के रस में फलोवोनाइडस नामक तत्व होता है और यह भी यही कार्य करता है।

6. अंगूर फोडे-फुन्सियों एवं मुहासों को सुखाने में सहायता करता है। अंगूर के रस के गरारे करने से मुँह के घावों एवं छालों में राहत मिलती है।

7. एनीमिया में अंगूर से बढकर कोई दवा नहीं है। उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोडा नमक व काली मिर्च डालकर सेवन करें।

8. पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-25 अंगूर रात को पानी में भिगों दे तथा सुबह मसल कर निचोडें तथा इस रस में थोडी शक्कर मिलाकर पीना चाहिए।

9. भोजन के आघा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढता है और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी आदि बीमारियों से छुटकारा मिलता है।