शराब, शेयर और सूद के धंधे पर फतवा जारी

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दिल्ली। भारतीय मुसलमानों में शेयर कारोबार को लेकर असमंजस की स्थिति को दारुल उलूम देवबंद ने साफ कर दिया है| देवबंद ने शेयर और शराब के कारोबार से दूर रहने के लिए फतवा जारी किया है। उसने शेयर खरीदने के लिए छह शर्तें भी बताई हैं| फतवे में हिदायत दी गई है कि शराब, इंश्योरेंस और सूद के कारोबार से जुड़ी कंपनी से दूर रहें। दारुल उलूम देवबंद ने फतवे में उन छह शर्तों का खुलासा किया है जिनका पालन करने पर मुसलिम किसी कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं।
पहली शर्त के अनुसार कंपनी किसी शराब, इंश्योरेंस और ब्याज आधारित बैंकिंग जैसा कोई कारोबार न करती हो। यह भी जरूरी है कि जिस कंपनी के शेयर लिए जाएं, उसके पास अचल संपत्ति भी हो।

दारुल उलूम के पास कुछ समय से बैकिंग और शेयर मार्केट से संबंधित सवाल आ रहे थे| मुसलमानों को सबसे ज्यादा उलझन इस बात को लेकर रहती थी कि अगर कोई कारोबार ब्याज पर आधारित हो तो उससे किसी भी रूप में जुड़ना जायज है या नहीं। इसे दारुल उलूम के फतवा विभाग दारुल इफ्ता ने अपनी स्पेशल कैटेगरी में लिया। मुफ्ती फखरुल इस्लाम ने इस पर फतवा जारी किया। फतवे का सत्यापन नायब मुफ्ती महमूद हसन बुलंदशहरी, जैनुल इस्लाम और सहायक मुफ्ती वकार अली ने किया।

ये हैं 6 शर्तें-
फतवे में शेयर खरीदने के लिए छह शर्तों का पालन करना जरूरी बताया गया है।

पहली शर्त के अनुसार कंपनी किसी नाजायज कारोबार में शामिल न हो।

दूसरी शर्त के मुताबिक कंपनी की संपत्ति केवल कैश न होकर, अचल संपत्ति भी हो।

तीसरी, अगर कंपनी का शेयर धारक बनने के बाद पता चले कि इसमें ब्याज भी है तो इसके खिलाफ मीटिंग में आवाज उठाई जाए।

चौथी, जब मुनाफे का बंटवारा हो तो उसका एक हिस्सा गरीबों को दिया जाए।

पाँचवी शर्त के हिसाब से, शेयर खरीदने का मकसद सट्टा न होकर बिजनेस में पार्टनरशिप हो।

छठी और आखिरी शर्त ये है कि शेयर बेचने वाले और खरीदने वाले पक्षों को इस कारोबार से होने वाले नफे और नुकसान का पहले से पता हो।