63 वर्षो में आयकर छूट की सीमा 1500 से बढ़कर 2 लाख हुई

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वित्त मंत्री ने साल 2012-13 के बजट में प्रत्यक्ष कर संहिता [डीटीसी] के प्रावधानों की तरफ कदम बढ़ा दिया है। व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा कर स्लैब में मामूली बदलाव करते हुए अब पांच से 10 लाख रुपये की सालाना आय को बीस प्रतिशत के स्लैब में ला दिया है। आयकर की छूट विगत 63 वर्षो में 1500 से बढ़कर 2 लाख रुपये हो पायी है।

अभी तक व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए कर छूट की सीमा 1.80 लाख रुपये थी। इसमें 20 हजार की वृद्धि की गई है। हालांकि डीटीसी पर विचार करने वाली संसदीय समिति ने आयकर छूट की सीमा को तीन लाख रुपये करने की सिफारिश की थी। बजट में आयकर के स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। अब दो लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक  की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा। पांच से दस लाख रुपये की आय पर 20 प्रतिशत आयकर लागू होगा। अब आयकर की 30 प्रतिशत की दर दस लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर लागू होगी।

उम्मीद के मुताबिक वित्त मंत्री ने कंपनियों के लिए आयकर की दर में कोई बदलाव नहीं किया है। कॉरपोरेट टैक्स की दर को 30 प्रतिशत के मौजूदा स्तर पर ही बनाए रखा गया है। हालांकि  इसकी भरपाई वित्त मंत्री ने अप्रत्यक्ष कर के मद में उत्पाद शुल्क में किए गए प्रावधानों से कर ली है। इसके अलावा बैंक जमा पर 10 हजार रुपये के ब्याज को भी कर मुक्त करने का प्रस्ताव किया है। इससे छोटे करदाताओं को सुविधा होगी क्योंकि उन्हें आयकर रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी। वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों की कर छूट सीमा में बढ़ोतरी की है। 60 से 80 साल के वरिष्ठ नागरिकाें की 2.50 लाख रुपये की आमदनी पर अब कोई कर नहीं लगेगा। जबकि 80 साल से अधिक की उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों की अब पांच लाख रुपये तक की सालाना आय कर से मुक्त होगी। वरिष्ठ नागरिकों को अग्रिम कर के भुगतान से छूट भी मिली है। वित्त मंत्री ने चिकित्सा बीमा के लिए मौजूदा कटौती सीमा के भीतर सामान्य पैथालाजिकल स्वास्थ्य जांच के लिए 5000 रुपये तक की कटौती का प्रस्ताव किया है।