Saturday, January 4, 2025
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चौथी बार विधवा हुई मालती की आंख में अब आंसू भी नहीं बचे विलाप को

फर्रुखाबादः इसे किस्मत का खेल कहें या भग्य की त्रासदी 35 वर्षीय मालती देवी आज पहली बार मां बनी व चौथी बार विधवा हो गयी। मालती देवी ने आज लोहिया अस्पताल में नवजात शिशु को जन्म दिया तभी फिरोजाबाद में उसके चौथे पति संतराम के जहर खाकर आत्महत्या करलेने की सूचना आयी। भाग्य की इस त्रासदी पर बहाने को अब मालती की आंख में आंसू भी नहीं बचे थे। सो वह बस सूनी आंखों से शून्य में निहारती ही नजर आयी।

इसे कुदरत का कहर ही कहेंगे जोकि हमेशा मालती के दरबाजे पर दस्तक देकर उसकी खुशियां छीनता रहा। ऊपर वाले को शायद मालती के मांग में सिंदूर पसंद नहीं। तभी तो चार बार शादी का जोड़ा पहन चुकी मालती हर बार कुछ वर्षों बाद ही शादी के जोड़े से विधवा के वेश में आ जाती है।

जिला फिरोजाबाद के आशाबाद निवासी संतराम जाटव की 35 वर्षीय पत्नी मालती की मां लज्जावती निवासी मुरहास कन्हैया ने बताया कि मालती की शादी सबसे पहले अखिलेश निवासी रजलामई शमशाबाद के साथ हुई थी। अखिलेश ने एक वर्ष बाद ही जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इस पर मालती के द्वारा हाथ पीले करने के लिए आशाराम निवासी महरूपुर से विवाह कर दिया गया। इस बार जैसे-तैसे आशाराम के साथ मालती 7 वर्ष वैवाहिक जीवन व्यतीत कर पायी थी कि कुदरत ने एक बार फिर उस पर कहर बरपा दिया और आशाराम की भी टीबी की बीमारी से मौत हो गयी।

कुछ वर्ष बाद मालती देवी की शादी महरूपुर के ही फूलसिंह से कर दी गयी। जमीन के लालच में फूलसिंह ने मालती की मांग में सिंदूर भर दिया। लेकिन कुछ समय बाद उसने जमीन पर कब्जा कर मालती को मारपीट कर घर से निकाल दिया। तीन बार उजड़ी मांग से दुखी मालती देवी अब फिर गुमनामी के अंधेरे में जी रही थी। तभी संतराम जाटव निवासी आशाबाद फिरोजाबाद ने एक बार फिर मालती के जीवन में खुशियां ला दीं। शादी के अभी कुछ ही महीने बीते थे कि मालती को पति संतराम के साथ गांव की ही एक महिला मोहनी से अवैध सम्बंधों की बात पता चली। जिस पर मालती देवी ने विरोध किया। फिर क्या था! संतराम आये दिन मालती को पीटने लगा। इधर मालती गर्भवती हो गयी थी।

अपनी पुत्री की इस दुर्दशा को सहन न कर पाने पर मोहनी की मां लज्जावती उसे अपने घर मुरहास कन्हैया ले आयी। आज इधर मालतीदेवी ने एक मासूम नवजात को जन्म दिया और उधर उसके पति संतराम जाटव ने जहर खाकर खुदकशी कर ली। पति की खुदकशी की सूचना मिलते ही मालती की खुशियां फिर मातम में बदल गयीं। अब मालती अपने नवजात बच्चे को छाती से लगाये ऊपर वाले को कोस रही है। डाक्टरों ने बताया कि मालती के शरीर में रक्त की भी कमी है। अगर समय पर रक्त न लगाया गया तो इसके साथ भी कोई घटना हो सकती है। लेकिन अस्पताल के पास उसे देने के लिए खून उपलब्ध क्यों नहीं है?…………………………………..

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