फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्षा विभाग की दुर्दशा करने में अध्यापको और अफसरों ने कोई कमी नहीं छोड़ी है| फर्जी नामांकन कर अध्यापको की तैनाती की संख्या बढ़ाने के अलावा इस विभाग में कोई विकास नहीं हो रहा है| कहीं अध्यापक नहीं तो कहीं बच्चे नदारद| कहीं बिना दूध की खीर बन रही तो कहीं बिना दही की कढ़ी| शिक्षा और जनता के धन का सत्यानाश करने में ओलम्पिक जीतने का प्रयास कर रहा है फर्रुखाबाद के प्रथमिक स्कूल मास्टर और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी| बुधवार २९ फरबरी को जेएनआई संवाददाता कमालगंज ब्लाक में कुछ स्कूलों में जाकर शिक्षा पर रिपोर्टिंग की तो गायब मास्टरों के फोन जे एन आई मुख्यालय घनघनाने लगे| धुधियामई प्राथमिक विद्यालय का इंचार्ज राजेश यादव तो बाकायदा जेएनआई के सम्पादक से खबर न छपने के बदले फोन पर विज्ञापन की रिश्वत देने का लालच देने लगा| शर्म नहीं आती इन अध्यापको को गरीब के बच्चो को पढ़ाने की बजाय उनके हिस्से का एमडीएम तक चाट रहा है| शायद इनको ऊपर वाले का भी कोई खौफ नहीं है| कमालगंज ब्लाक में कई स्कूलों में अध्यापक तो दूर की बात प्रधानाध्यापक ही कई-कई दिन से अनुपस्थित चल रहे हैं।एक बानगी-
कमालगंज क्षेत्र के ग्राम दुधियामऊ में स्थित प्राइमरी पाठशाला के प्रधानाध्यापक राजेश यादव 11 बजे अपने विद्यालय में मौजूद नहीं थे। सहायक अध्यापिका बेबी पढ़ाते मिलीं। उन्होंने बताया कि आज आये नहीं है। वे भवन प्रभारी बनाये गये है। जबकि एबीएसए ने बताया कि कहीं भवन प्रभारी नहीं बनाया है।
शिक्षा मित्र श्यामलता भी पढ़ाते नहीं मिली। आज एमडीएम में कड़ी और चावल बनने थे। कड़ी में बिना दही या मट्ठा डाले कड़ी बना दी गयी। 39 बच्चों में केवल 7 बच्चे ही खेलते मिले।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौकी रघुनंदनपुर के प्रधानाध्यापक रामप्रकाश दुबे अनुपस्थित मिले। सहायक अध्यापक राजीव पाण्डेय पढ़ाते मिले।
यहां पर कोई बच्चा नहीं था। मास्टर पेड़ के नीचे बैठे मस्ती ले रहे थे। पूछने पर बताया कि प्राइवेट स्कूल पास-पास हैं। जिससे बच्चे पढ़ने ही नहीं आते हैं।
कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय जरारी में प्रधानाध्यापक शकुंतला 21 फरवरी से आज तक अनुपस्थित हैं। एबीएसए सुमित कुमार ने दौरा किया तो बिना किसी अवकाश के अनुपस्थित मिलीं। जिससे सुमित कुमार ने कहा कि इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जायेगी।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय अलाउद्दीनपुर में प्रधानाध्यापक कश्मीर सिंह यादव व सहायक अध्यापक सकील अहमद मिले। केवल 6 बच्चे उपस्थित मिले। ब्लैकबोर्ड पर 25 तारीख पड़ी पायी गयी। कश्मीर सिंह यादव कभी-कभी ही विद्यालय में जाते हैं।