राशन की दुकानें बनीं गैस गोदामे, उपभोक्ताओं ने किया हंगामा

Uncategorized

फर्रुखाबादः भ्रष्टाचार और घूसखोरी का प्रत्यक्ष गवाह हैं जनपद की तकरीबन सभी गैस गोदामें। महीनों उपभोक्ताओं को पहले रसीद कटाने के लिए गोदामों के कार्यालयों में चक्कर काटने पड़ते हैं। बाद में अगर रसीद सही टाइम पर मिल गयी तो पहले समय पर सिलेण्डर नहीं मिलता। कई दिन चक्कर काटने के बाद अगर सिलेण्डर मिल भी जाये तो सुबह चार बजे से लेकर शाम के चार बजे तक गैस लेने के चक्कर में समझ लो फुर्सत हो गया। लेकिन अब उपभोक्ताओं ने अपना मुहं खोलना शुरू कर दिया है।

उपभोक्ताओं ने आज श्यामनगर स्थित भारत गैस गोदाम पर सिलेण्डर न मिलने और सिलेण्डर के साथ में जबर्दस्ती अनाज व अन्य सामग्री देने से खफा कई सैकड़ उपभोक्ताओं ने एजेंसी के बाहर जमकर हंगामा काटा। कुछ उपभोक्ताओं ने श्यामनगर रोड पर जाम लगाने का भी प्रयास किया। तब तक पुलिस वहां पहुंच गयी। जिससे उपभोक्ता तितर बितर हो गये। गैस की कालाबाजारी का समुद्र इतना गहरा हो गया कि उसमें पूरे के पूरे सिलेण्डर भरे ट्रक समा जाते हैं और उपभोक्ता किनारे पर खड़े होकर सिर्फ धूप में आंखों के ऊपर हाथ रखकर टकटकी लगाये देखते रहते हैं।

उपभोक्ताओं ने आज गैस एजेंसी मालिक पर कालाबाजारी व जबर्दस्ती राशन इत्यादि देने का आरोप लगाकर हंगामा काटा। गैस लेने आये बड़ी गढ़ी खानखाना निवासी मोहम्मद शारिक अंसारी ने कहा कि भारत गैस गोदाम नहीं वल्कि यह तो राशन की दुकान बन गयी है। बगैर चावल, साबुन लिये तो सिलेण्डर मिलता ही नहीं। चावल भी घटिया किस्म का दिया जा रहा है।

वहीं फर्रुखाबाद निवासी सुभाष बाथम ने कहा कि चावल अगर ले भी लें तो जिस रेट के पैसे लेते हैं उस रेट पर चावल तो दें। चावल 15 रुपये किलो का और 80 रुपये किलो के दाम लेते हैं। यहां तक कि सिलेण्डर के साथ कभी-कभी हम लोगों को गजक तक खरीदनी पड़ती है।

गैस लेने आये विकलांग आमिर पुत्र अब्दुल अंसारी ने बताया कि यह लोग तो यहां तक नीचे गिर गये कि मदरसे का सिलेण्डर लेने पर भी जबर्दस्ती कोलगेट व साबुन थमा देते हैं। मजबूरीवस हमें सिलेण्डर तो लेना ही है।

गंगानगर कालोनी निवासी 60 वर्षीय वृद्वा रामबेटी ने बताया कि वह कई दिनों से गैस एजेंसी पर भाग रही है। लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। बाहर सिर्फ इंतजार करने के अलावा और कोई चारा नहीं।

लालदरबाजा निवासी राजकुमार ने बताया कि यह लोग 600 से 700 रुपये प्रति सिलेण्डर ब्लेक कर लेते हैं और उसके बाद बचे हुए सिलेण्डर शहर के प्रभावशाली लोग एक फोन पर सिलेण्डर उठा ले जाते हैं। आम जनता रात तीन बजे से शाम 5 बजे तक अपनी बारी के इंतजार में लम्बी-लम्बी लाइनों में लगी रहती है।

इस बात से खिन्न उपभोक्ताओं ने आज गोदाम के बाहर जमकर नारेबाजी की व हंगामा काटा।