फर्रुखाबादः जिलाधिकारी सच्चिदानंद दुबे ने कृषि अधिकारियांे को निर्देश दिये कि रवी फसलों की बुबाई के पश्चात यूरिया उर्वरक की खपत अधिक होती है। जिसके चलते किसी भी प्रकार की खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी व किसानों से अधिक मूल्य लिये जाने की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए लगातार छापामार कार्यवाही के निर्देश दिये हैं।
जिलाधिकारी सच्चिदानंद दुबे ने उप कृषि निदेशक फर्रुखाबाद (बीज निरीक्षक/उर्वरक) व जिला कृषि अधिकारी फर्रुखाबाद (उर्वरक निरीक्षक), जिला कृषि रक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद (उर्वरक निरीक्षक ) को कालाबाजारी, जमाखोरी पर रोक लगाने के लिए निजी क्षेत्र के उर्वरक बफर गोदामों, थोक व फुटकर विक्री केन्द्रों व आवंटित क्षेत्र में स्थित सहकारिता, शीर्ष संस्थाओं में नियमित दैनिक सघन भ्रमण करके किसानों को उचित मूल्य पर गुणवत्ता युक्त उर्वरक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने दिये गये आदेश में कहा है कि अगर अधिक मूल्य में उर्वरक विक्री का प्रकरण प्रकाश में आया तो तत्काल आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के अन्तर्गत नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जायेगी। यदि कहीं अवैध रूप से यूरिया खाद पाई जाती है तो उस व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 6(ए) के तहत कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने सभी अधिकारियों को प्रतिदिन की छापेमारी की रिपोर्ट कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश लखनऊ को भेजने के निर्देश दिये है।
जांच बिन्दुओं उर्वरक प्रमाणपत्र होना चाहिए, भण्डार परिसर का उल्लेख होना चाहिए। स्टाक पंजिका, विक्रय पंजिका भण्डारित मात्रा के समतुल्य होना चाहिए। कैशमीमो पर उर्वरक की मात्रा एवं मूल्य अंकन होना चाहिए।