बाबूसिंह के भाजपा में ज्वाइन करने के बाद भाजपा में ही बखेड़ा खड़ा हो गया था| काफी जदोजहद के बाद बाबूसिंह ने भाजपा से अपनी सदस्यता स्थगित करने को कह भाजपा के अंतर्कलह को शांत करने का प्रयास किया था| अब हाल ये है की बाबू सिंह भाजपा में हैं भी और नहीं भी| फर्रुखाबाद में उनका कार्यक्रम पिछड़ा वर्ग आरक्षण बचाओ सम्मेलन के बैनर तले हुआ मगर भीड़ का इंतजाम परदे की पीछे से भाजपा ने किया| भाजपा के नेताओ ने मंच से तो परहेज रखा मगर सभा में मौजूद रहे| ये बाबूसिंह का पहला सम्मलेन था, सम्मेलन में भीड़ भी अच्छी खासी थी| चाय नास्ते का इंतजाम भी भाजपा के प्रत्याशियो के जिम्मे था| अमृतपुर विधान सभा के भाजपा प्रत्याशी सुशील शाक्य मंच पर तो नहीं आये मगर सम्मेलन की भीड़ में सबसे पीछे बैठ कुशवाहा के भाजपा में आने वाले वोटो की गिनती जरुर लगा रहे थे| वहीँ फर्रुखाबाद सदर विधानसभा सीट से मेजर सुनील दत्त द्विवेदी भी सभा के आस पास आकर जायजा लेकर चले गए| नास्ते का इंतजाम सदर भाजपा प्रत्याशी मेजर सुनील के घर हुआ जहाँ बंद कमरे में संघ और स्थानीय भाजपा के नेताओ और भाजपा प्रत्याशियो ने चुनावी गणित भी तैयार की| इस कमरे तक मीडिया की पहुच नहीं रही| कुल मिलकर बाबूसिंह की भाजपा के लिए इस सभा पर यही का जा सकता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाने वाली भाजपा को गुड से परहेज तो है मगर गुलगुले से नहीं|
भाजपा को गुड़ से परहेज तो है मगर गुलगुलों से नहीं|
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