फर्रुखाबादः डी जी रामलाल ने बीते दिन लोहिया अस्पताल का निरीक्षण कर सर्वप्रथम लाइट व्यवस्था पर ही सीएमएस व अन्य कर्मचारियों की लताड़ लगायी थी व सीएमओ कमलेश कुमार को तुरंत बजट उपलब्ध कराने की बात कही थी। डी जी के सख्त निर्देशन के बावजूद भी लोहिया अस्पताल के सीएमएस व मुख्य चिकित्साधिकारी के कान पर जूं तक नहीं रेंगा। आज भी पूरे दिन मरीज जनरेटर न चलने के कारण भटकते रहे। लेकिन किसी ने उनकी बात को नहीं सुना।
आश्चर्य तो तब हुआ जब सलाखों के पीछे बंद जिला कारागार के पांच कैदी 25 वर्षीय विपुल पुत्र रूपराम निवासी ग्राम उलियापुर, कायमगंज, 22 वर्षीय श्याम सिंह पुत्र बांकेलाल निवासी ग्राम घारमपुर, फर्रुखाबाद, 26 वर्षीय विनोद पुत्र शम्भूदयाल निवासी ग्राम चकरपुर, राजेपुर, 78 वर्षीय जगपाल निवासी जलालाबाद शाहजहांपुर, राजू दीक्षित पुत्र अनोखेलाल निवासी ग्राम लुलवारा, कायमगंज को एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड के लिए तकरीबन साढ़े तीन घंटे कर्मचारियों की बातों ने उलझाये रखा लेकिन एक्स-रे के नाम पर किसी ने उनकी तरफ नहीं देखा। कैदी विपुल ने बताया कि वह चार दिन से लगातार लोहिया अस्पताल आ रहा है। लेकिन जनरेटर न चलने के कारण उसे बैरंग वापस जाना पड़ता है। मानवाधिकार आयोग के इतने सख्त होने के बावजूद भी इन बंदियों को अस्पताल कर्मचारियों की लापरवाही का शिकार होना पड़ रहा है।
सीएमएस एके पाण्डेय ने बताया कि मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।