फर्रुखाबाद: अधिकारी एक बार अपनी गरिमा गिरा देता है तो फिर उसका सम्मान कहीं नही रहता। कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को बेसिक शिक्षा विभाग में नजर आया। किसी काम के लिये मना करने पर संबंधित पटल के बाबू ने यह कहते हुए जूता उतार लिया कि पैसे भी ले लिये और अब काम भी नहीं करोगे। बीएसए की कार्यप्रणाली से त्रस्त दफ्तर के दूसरे बाबू भी एक जुट हो गये। आखिर माहौल को आक्रामक देख बेसिक शिक्षा अधिकारी दफ्तर छोड़कर भाग खड़े हुए। पीछे आ रहे मीडिया कर्मियों से उन्होंने कलक्ट्रेट पहुंचकर सभागार में हो रही सभा में पहुंचकर जान बचाई।
विदित है कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों की कार्यप्रणाल के चलते विभाग काफी समय से मखौल का केंद्र बन कर रह गया है। इस से पूर्व तैनात रह चुके बीएसए राम सागर पति त्रिपाठी का निलंबन भी यहीं से हुआ था। उनके बाद यहां आये वर्तमान बीएसए कौशल किशोर भी शुरू से ही विवादित रहे हैं। समायोजन, ट्रांसफर, पोस्टिंग, गायब शिक्षकों की मनमानी तैनाती व प्रोन्नति जैसे अनेक मामलों में उन पर आरोप लगे व उनकों कई बार शिक्षकों के रोष का निशाना भी बनना पड़ा। कुछ ही दिन पूर्व दलित शिक्षकों ने तो कार्यालय परिसर के बाहर प्रोन्नति के मामले में उनकी अच्छी खासी खातिर भी कर दी थी। परंतु आचरण की कमजोरी के चलते बेचारे चुप हो कर बैठ गये। हाल ही में उन पर एक कस्तूरबा विद्यालय की वार्डन से निकटता के भी चर्चे हैं।
गुरुवार को किसी आदेश पर हस्ताक्षर करने के लिये विभगीय वरिष्ठ लिपिक मुकेश मिश्रा फाइल ले कर आये तो उस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी कौशल किशोर ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। इसी को लेकर दोनों के बीच हई बहस में बाद में विवाद की स्थिति बन गयी। शोर की आवाज सुनकर कार्यालय के अन्य लिपिक भी पहुंच गये। बीएसए की कार्यप्रणाली से नाराज एक लिपिक ने तो पैर से जूता उतार लिया, दूसरे ने बीएसए के गिरेबान की ओर हाथ बढ़ा दिया। एक ने असंसदीय संबोधन के साथ आरोप लगाये कि पैसे लेकर काम नहीं करोगे तो हम क्या क्लाइंट के जूते खायें?
माहौल को गर्म देखकर बीएसए ने आफिस से भागलेना ही मुनासिब समझा। इसी बीच पहुंचे कुछ मीडिया कर्मियों से बचने के लिये आनन फानन में बीएसए अपने वाहन से कलक्ट्रेट पहुंचे और वहां चल रही बैठक में सीडीओ के पास जा कर बैठ गये। बैठक समाप्त होने के बाद बीएसए के बाहर निकलते ही मीडिया कर्मियों ने फिर उनको को घेर लिया। बहर हाल कैमरों से बचते बचाते उन्होंने घटना से इनकार कर दिया।
घूंसखोरी के अन्य आरोपों के संबध में भी वह साफ मुकर गये। काफी समय से अनुपस्थित रहने वाली एक चर्चित अध्यापिका के विषय में उन्होंने कहा कि विभागीय जिला समन्वयक जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट के बाद कार्रवाई होगी।