लाइव अपडेट: सदन अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित

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लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की सरकार के लिए आज काफी अहम दिन है, क्‍योंकि आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में उसे अविश्‍वास प्रस्‍ताव का सामना करना पड़ेगा। जैसा की पहले से ही कहा जा रहा है कि यह सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है, क्‍योंकि सत्र में राज्‍य के विभाजन का प्रस्‍ताव लाया जाना है। विधानसभा चुनाव के पहले इतने बड़े प्रस्‍ताव पर विपक्षी दल राजी नहीं हैं, लिहाजा उन्‍होंने साफ कह दिया है कि मायावती को कोई भी प्रस्‍ताव पारित करने से पहल बहुमत सिद्ध करना पड़ेगा।

विपक्ष ने यह शर्त इसलिए रखी है, क्‍योंकि बसपा के करीब 40 विधायक मायावती से संतुष्‍ट नहीं दिख रहे हैं। यह बात मायावती खुद भी जानती हैं, इसीलिए सत्र के ठीक पहले रातों-रात उन्‍होंने दो विधायकों और एक सांसद का निलंबन वापस ले लिया। चलिये देखते हैं कि रात भर की मायावती की मेहतन आज सदन में कितनी रंग लाती है। पेश हैं लाइप अपडेट।

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12:37 बजे। उत्‍तर प्रदेश को चार हिस्‍सों में बांटने का प्रस्‍ताव मायावती ने विधानसभा में ध्‍वनि मत से पारित करवा लिया है। इसी के तुरंत बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्‍थगित कर दिया गया।

12:29 बजे। सदन में मायावती ने अनुदान विधेयक पेश हो गया है। विपक्ष के नेताओं का हंगामा जारी है।

 

12:20 बजे। विधान परिषद और विधान सभा की कार्यवाही शुरू हुई। खबर है कि विधान परिषद में विपक्षी दलों के नेताओं ने मायावती के खिलाफ पोस्‍टर बैनर लहराने शुरू कर दिये हैं।

12:15 बजे। मुख्‍यमंत्री मायावती विधान भवन पहुंच चुकी हैं। पांच मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होगी।

12:08 बजे। विपक्षी नेताओं ने मायावती की ओर उंगली उठाते हुए कहा कि ऐसा शायद पहली बार हुआ होगा कि सत्र शुरू होते वक्‍त वंदे मातरम चल रहा हो और सदन की नेता यानी मुख्‍यमंत्री ही नहीं मौजूद हो।

11:55 बजे। कुछ देर के लिए सदन के बाहर निकल कर सपा नेता आजम खां ने कहा कि मुख्‍यमंत्री मायावती तानाशाह की तरह काम कर रही हैं। अब चाहे कुछ हो जाये ऐसी सत्‍ता को नहीं चलने दिया जायेगा।

11:45 बजे। अभी-अभी खबर मिली है कि 11 बजे शुरु हुए शीतकालीन सत्र में अभी तक मुख्‍यमंत्री मायावती पहुंची ही नहीं हैं। इसीलिए स्‍पीकर ने 11:05 बजे सदन को 80 मिनट के लिए स्‍थगित कर दिया। उम्‍मीद है 12:20 बजे सत्र के शुरु होने पर मायावती पहुंच जाएंगी।

11:30 बजे। सदन के बाहर भी विपक्षी दलों के विधायकों के बीच गहमा-गहमी का माहौल।

11:05 बजे। विधानसभा स्‍पीकर ने 12:20 बजे तक सदन को स्‍थगित कर दिया गया।

11:00 बजे। सत्र शुरू होते ही विधानसभा में जबर्दस्‍त हंगामा शुरू हो गया है।

11:55 बजे। सपा के नेता शिवपाल सिंह यादव, आजम खां समेत कई नेता बैनर-पोस्‍टर लेकर विधान भवन में दाखिल हुए। पोस्‍टरों पर लिखा था- माया सरकार भ्रष्‍ट और लुटेरी है, इसे भंग करो।

10:45 बजे। भाजपा और सपा ने अविश्‍वास प्रस्‍ताव के लिए नोटिस दिया।

सुबह 10:00 बजे। विधानसभा में नेताओं ने आना शुरू कर दिया। चारों तरफ गहमा-गहमी का माहौल है।

सुरक्षा इंतजाम- विधानसभा सत्र में किसी भी प्रकार के हंगामें का असर बाहर होने की आशंका को देखते हुए विधान भवन के चारों तरफ भारी सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं। पीएसी के जवान हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। स्‍थानीय लोगों के मुताबिक सत्र के दौरान ऐसी सुरक्षा उन्‍होंने कभी नहीं देखी। इससे यह साफ है कि मायावती अच्‍छी तरह जानती हैं कि सदन में अगर प्रदेश के बंटवारे का बिल जल्‍दबाजी में पास कराने की कोशिश की, तो विपक्षी दलों के कार्यकर्ता बाहर बवाल कर सकते हैं।

सत्र से पहले क्‍या कहते हैं पत्रकार- एराउंड दि इंडिया के संपादक राजेश आनंद का कहना है- सबसे पहली बात यह है कि मायावती के लिए कोई भी प्रस्‍ताव जल्‍दबाजी में पारित कराना इतना आसान नहीं होगा। लोकतंत्र का गला घोंटना इतना आसान नहीं है। यह अच्‍छी तरह जानती हैं कि आनन-फानन में कोई भी कदम उनके लिए भारी पड़ सकता है। वैसे अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाने से पहले मायावती विधानसभा भंग करना चा‍हेंगी, क्‍योंकि विधानसभा भंग करने का मतलब है कि वो चुनाव तक कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री बनी रहेंगी और अगर अविश्‍वास प्रस्‍ताव आया और वो बहुमत सिद्ध करने में फेल हो गईं, तो राष्‍ट्रपति शासन लागू हो जायेगा।

सपा ने किया होमवर्क- शीतकालीन सत्र से ठीक एक दिन पहले समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्‍व में विपक्ष का एक दल राज्‍यपाल से मिला और अविश्‍वास प्रस्‍ताव की बात कही। साथ ही सरकार को बर्खास्‍त करने की मांग की।

मायावती ने कैसे किया होमवर्क- मायावती ने सत्र के ठीक पहले अपने विधायकों की एक बैठक बुलाई, जो करीब चार घंटे तक चली। इस बैठक में मायावती ने अपने विधायकों की संख्‍या के बारे में चिंता थी।