हरिद्वार. उत्तराखंड के हरिद्वार में आज एक धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों की तादाद बढ़कर 22 हो गई है। हादसा यहां चल रहे गायत्री महाकुंभ के दौरान हुआ। भगदड़ में कम से कम 30 लोगों के जख्मी होने की भी खबर है। मरने वालों की तादाद बढ़ सकती है। हताहतों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
इस हादसे की वजह को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु ‘यज्ञ’ में हिस्सा लेने के लिए शांतिकुंज आश्रम में घुसने की कोशिश कर रहे हैं तभी गेट पर भगदड़ मच गई। घटना की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। समारोह के आयोजकों के मुताबिक हादसा उस वक्त हुआ जब हवन के लिए लोगों की भीड़ बेकाबू हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक यज्ञ के दौरान वहां भारी भीड़ मौजूद थी और धुआं उठने से कई लोगों को दम घुटने की शिकायत हुई जिससे बचने के लिए वहां भगदड़ मच गई। इस हादसे में घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोग हैं (मृतकों की सूची पढ़ने के लिए रिलेटेड लिंक पर क्लिक करें)।
भगदड़ के दौरान लोग यहां-वहां भागने लगे, जिसमें कई महिलाएं और बच्चे जमीन पर गिर गए। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी भगदड़ के वक्त आश्रम में यज्ञ कर रहे थे।
धार्मिक गुरु पंडित श्रीराम शर्मा की जन्मशती के मौके पर आयोजित समारोह में हिस्सा लेने के लिए देश विदेश से लाखों लोग जमा हुए थे। हरिद्वार के मशहूर हर की पौड़ी में लाल जी वाला क्षेत्र में यह हादसा हुआ। हर की पौड़ी गंगा आरती के लिए दुनियाभर में मशहूर मशहूर है (वीडियो देखने के लिए रिलेटेड खबर पर क्लिक करें)।
स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हादसे पर शोक जताया है। हादसे के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बी सी खंडूरी ने कहा है कि यह कार्यक्रम कल खत्म हो जाएगा। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने भी इस हादसे पर शोक जताया है। अपने ट्विटर अकाउंट पर केजरीवाल ने लिखा है, ‘शांतिकुंज, हरिद्वार में हुई दर्दनाक घटना के बारे में सुनकर बेहद दुख हुआ। इस हादसे के पीडितों के साथ मेरी गहरी संवेदना हैं।’
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि इस मौके पर देश और विदेश से लगभग दो लाख लोग जमा हुए थे। इसे कुंभ मेला के बाद सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने शांतिकुंज आश्रम के अधिकारियों पर पुलिस और जिला प्रशासन को समारोह के प्रबंधन में शामिल नहीं करने का आरोप लगाया।