Monday, April 28, 2025
spot_img
HomeFARRUKHABAD NEWS.......कहीं मंगल हो न जाये अमंगल

…….कहीं मंगल हो न जाये अमंगल

आतिशबाजी चलाने से होने वाला वायु और ध्वनि प्रदूषण कई रोगों का कारण है। इसके अलावा यह भी सच है कि आतिशबाजी छुड़ाने के दौरान असावधानियों के चलते देश भर में हजारों लोग हादसों के शिकार हो जाते हैं। बावजूद इसके जगमग रोशनी और पटाखों के बगैर दीपावली की कल्पना नहीं की जा सकती। पटाखों, दीपकों व बिजली की झालरों की जगमगाहट के साथ थोड़ी-सी सावधानी आपकी दीपावली को उल्लास के साथ सुरक्षित भी बना सकती है..

धमाके का दिल पर असर

हृदय रोगों और उच्च रक्तचाप [हाई ब्लडप्रेशर] से ग्रस्त लोगों को तेज धमाकेदार पटाखों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इनका दिल पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा जो लोग दिल की धड़कन व एंजाइना से ग्रस्त हैं या फिर जिन्हें अतीत में हार्ट अटैक या स्ट्रोक हो चुका है, उन्हें भी धमाकेदार पटाखों से दूर रहना चाहिए।

कारण

एकबारगी तेज धमाकों की वजह से दिल की धड़कन एकदम तेज हो जाती है और धमनियां सिकुड़ती हैं। इस स्थिति में हार्ट अटैक की सभावना बढ़ जाती है। इसलिए जो लोग पहले से ही हाई ब्लडप्रेशर और दिल के अन्य रोगों से ग्रस्त है, उन्हे दूर से ही आतिशबाजी देखनी चाहिए।

रोकथाम

धमाकेदार पटाखों से बचने के लिए काम में ईयर प्लग लगाएं। इसके अलावा धमाकेदार पटाखों को छोड़ने से पहले उपर्युक्त रोगों से ग्रस्त लोगों को पहले से ही जानकारी दे देनी चाहिए कि अब कुछ देर में पटाखा छोड़े जाने वाला है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments